Excellent Shiksha Class-10th,कार्बन एवं उसके योगिक Class 10th Science Chapter-04 कार्बन एवं उसके योगिक part -03

Class 10th Science Chapter-04 कार्बन एवं उसके योगिक part -03


Class 10th Science Chapter-04 कार्बन एवं उसके योगिक part -03

Class 10th Science Chapter-04 कार्बन एवं उसके योगिक part -03  में हम निम्न महत्वपूर्ण हैडिंग का अध्ययन करेंगे:- 

एथेनोल की निर्मंविधि,
एथेनोल के सामान्य भोतिक रासायिनक गुण,
एथेनोल के उपयोग,
एथेनोइक अम्ल की निर्मंविधि,
ग्लेसियल एसिटिक,
एथेनोइक अम्ल के सामान्य भोतिक रासायिनक गुण,
एथेनोइक अम्ल के उपयोग, आदि |

हम आपसे ये गुजारिश करते है कि आप इन महत्व पूर्ण हैडिंग को अवस्य याद करे | क्यूंकि ये वो सभी हैडिंग है जो पिछले बहुत सालो के पेपर में रिपीट हुई है | 

अगर आप इन्हें याद करके एग्जाम में बैठते है तो आप 90 % से अधिक अंक हासिल कर सकते है | 

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Class 10th Science Chapter-04 कार्बन एवं उसके योगिक part -03

#:-  एथेनोल :-           रसायनिक सूत्र –   CH3CH2OH 
                                रसायनिक नाम –   एथेनोल 
                                  साधारण नाम – एल्कोहोल 
 
  • सरंचना  –  
                              एल्कोहोल की सरंचना

   
  • निर्माण विधि :- इसका निर्माण किण्वन विधि  द्वारा किया जाता है | इस विधि में गेहू मक्का अंगूर आदि पदार्थो को किसी बर्तन में रखकर पृथ्वी के अंदर लम्बे समय तक छोड़ देते है| इस लम्बे समय में पदार्थ सड़कर अपघटित होकर एथेनोल में परिवर्तित हो जाता है |
 
  • एथेनोल के सामान्य गुणधर्म :- इसमें निम्न लिखित गुण पाए जाते है – 

#:- भोतिक गुणधर्म :- 

 1- यह कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में पाया जाता है |
 2- इसका गलनांक तथा क्वथनांक सामान्यत: 156 k और 351 k होता है |
 3- इसे सामान्य भाषा में एल्कोहोल कहा जाता है |
4- इसका अधिक सेवेन करने से केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र कमजोर हो जाता है | जिसके फलस्वरूप मानशिक बीमारियाँ उत्पन्न होने लगती है |
 5 – एथेनोल के विपरीत मेथेनोल की थोड़ी सी मात्रा लेने से मृत्यु तक हो जाती है |
6- एथेनोल का दुरूपयोग रोकने के लिए इसमें मेथेनोल की कुछ मात्रा मिला दी जाती है इसलिए इस प्रकार बने एथेनोल को विकर्त एल्कोहोल  कहते है |
 
#:-रासायिनक गुण :- यह निम्नलिखित अभिक्रिया देता है – 
 1- सोडियम से अभिक्रिया :- इसके साथ यह अभिक्रिया करके सोडियम एथोक्साईड बनाता है |और साथ में हाइड्रोजन गैस भी निकलती है: – 
     2 CH3CH2OH + 2Na —————————> 2CH3CH2ONa + H2 
 
 2-  असंतर्प्त  हाइड्रोकार्बन बनाने की अभिक्रिया :- एथेनोल को सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ  मिलाने पर जैसे ही गर्म किया जाता है तो एथीन बनती है | 
       CH3CH2OH + H2SO4 ——————> CH2=CH2 + H2O  + H2SO4 
 
3-  एथेनोल का ऑक्सीकरण :- एथेनोल का ऑक्सीकरण करने पर एल्दिहाईड बनता है |
  CH3CH2OH + [O]—————————-> CH3CHO + H2O 
  • उपयोग :- इसका उपयोग निम्न प्रकार सेकिया जा सकता है – 
 1- पेय पदार्थ के रूप में |
 2- औषधियों के रूप में |
 3- एक अच्छे विलायक के रूप में |
4 – नशीले पदार्थ बनाने में |
 5- ओप्रेसन के दोरान बेहोस करने में |

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#:-  एथेनोइक अम्ल :-   रसायनिक नाम – एथेनोइक अम्ल 
                                  साधारण नाम – एसिटिक अम्ल 
                                  रसायनिक सूत्र –  CH3COOH 
  •  सरंचना :- 
                         एथेनोइक अम्ल की सरंचना
  
इसे समान्यत: एसिटिक अम्ल के नाम से ही जाना जाता है | इसमें कर्बोक्स्लिक प्रक्रियात्मक समूह  होता है | इसके 3 – 4 % विलयन को सिरका कहा जाता है | जिसे आचार के परिरक्षक के रूप में प्रयोग किया जाता है | यह शुद्ध अवस्था में शीत ऋतू में जम जाता है, इसलिए इसे ग्लेसियल एसिटिक  अम्ल भी कहा जाता है |
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  •  निर्माण विधि :- इसका निर्माण सामन्यत: एल्कोहोल के ऑक्सीकरण द्वारा किया जाता है| 
  CH3CH2OH + 2[O]———————> CH3COOH + H2O 
 
  • सामान्य गुण :-  इसके सामान्य गुण निम्नलिखित है – 
 #:-भोतिक गुण :- इसके भोतिक गुण निम्नलिखित है – 
1- यह एक अम्लीय पदार्थ है| इसलिए यह नीले लिटमस पेपर को लाल कर देता है |
2- शुद्ध एथेनोइक अम्ल का गलनाक 290 k होता है |
3- यह सामान्यत: दुर्बल अम्ल  होता है |
 
 #:-रासायनिक गुण :- यह निम्न प्रकार की अभिक्रिया देता है – 
 1- एस्टरीकरण अभिक्रिया :- जब एथेनोइक अम्ल को सान्द्र  सुल्फ्युरिक अम्ल की उपस्थिति में एथेनोल में मिलाया जाता है तो एस्टर बनते है यह प्रक्रिया एस्टरीकरण  कहलाती है |  
  CH3COOH + C2H5OH ——————————-> CH3COOC2H5 + H2O 
 
2- क्षार के साथ अभिक्रिया :– यह क्षार के साथ अभिक्रिया करके लवण और जल देता है |
 CH3COOH + NaOH ———————-> CH3COONa + H2O 
 
3-  कार्बोनेट के साथ अभिक्रिया :- इसके साथ यह अभिक्रिया करके कार्बन डाई ऑक्साइड और लवण बनता है |
 2CH3COOH + Na2CO3 —————————> 2CH3COONa +CO2 + H2O 
 
  •  उपयोग :- इसका उपयोग निम्न प्रकार से किया जा सकता है – 
 1- कृत्रिम सिरका बनाने में |
2- प्रयोगशाला में अभिकर्मक के रूप में |
 3- रबड़ के स्कनदन में |
 4 – रंग तथा कागज उधोग में |

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#:- एथिल एल्कोहोल और एथेनोइक अम्ल में अंतर :- इनमे निम्नलिखित अंतर होते है – 
एथिल एल्कोहोल और एथेनोइक अम्ल में अंतर
एथिल एल्कोहोल और एथेनोइक अम्ल में अंतर
 
the end

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