Excellent Shiksha class - 12th,विद्युत धारिता Class 12th Physics Chapter-04 विद्युत धारिता part -01

Class 12th Physics Chapter-04 विद्युत धारिता part -01


Class 12th Physics Chapter-04 विद्युत धारिता part -01

Class 12th Physics Chapter-04 विद्युत धारिता part -01 में हम निम्न महत्वपूर्ण हैडिंग का अध्ययन करेंगे:- 

संधारित्र और भंजक विभवांतर,
विद्युत धारिता की अवधारणा और मात्रक,
विलगित गोली चालक के कारण विद्युत धारिता,
संधारित्र का सिद्धांत और इसके प्रकार,
समांतर प्लेट संधारित्र,
समांतर प्लेट संधारित्र की धारिता के लिए व्यंजक, आदि |

हम आपसे ये गुजारिश करते है कि आप इन महत्व पूर्ण हैडिंग को अवस्य याद करे | क्यूंकि ये वो सभी हैडिंग है जो पिछले बहुत सालो के पेपर में रिपीट हुई है | 

अगर आप इन्हें याद करके एग्जाम में बैठते है तो आप 90 % से अधिक अंक हासिल कर सकते है | 

क्या जरूर्री है क्या नही  :-अच्छे से अच्छे अंक लाने के  लिए आपको बेहतर नोट्स एंड बेहतर क्लास लेनी चाहिये जो आपको बिलकुल फ्री में हम यहाँ पर दे रहे है |

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Class 12th Physics Chapter-04 विद्युत धारिता part -01

संधारित्र : – अनेक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में आवेश के संग्रह के लिए एक युक्ति प्रयुक्त की जाती है जिसे संधारित्र  कहते हैं |  इस अध्याय में हम केवल इसी के बारे में पढ़ेंगे | 

पदार्थों का वर्गीकरण :- सामान्यत: पदार्थों को निम्न वर्गों में बांटा जाता है :-

1:- चालक  2:- विद्युतरोधी 3:-परा विधुत  4 :-अर्धचालक

इनके बारे में आप chemistry के पहले अध्याय में पढ चुके हैं अधिक जानकारी के लिए Click here

भंजक विभवांतर:- संधारित्र की प्लेटों के बीच वह विभवांतर जिस पर प्लेटों के बीच रखे परावैद्युत पदार्थ में विद्युत भंजन ठीक प्रारंभ होने की स्थिति में हो भंजक विभवांतर  कहलाता है|

विद्युत धारिता की अवधारणा:- धारिता का शाब्दिक अर्थ होता है ग्रहण करना | अर्थात स्पष्ट है कि किसी चालक की एक निश्चित अधिकतम आवेश ग्रहण करने की क्षमता होती है,  जिसे चालक की विद्युत धारिता  कहते हैं |

इसे C से प्रदर्शित करते हैं |यदि किसी चालक पर q आवेश देने पर उसका विभव v हो जाए तो उसकी धारिता 

संधारित्र की धारिता का सूत्र

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नोट:-विद्युत धारिता का मात्रक फेरेड  एक बहुत बड़ा मात्रक होता है| इसलिए इसे माइक्रो या पीको फेरेड में नापते हैं | यह एक अदिश राशि है| इसकी विमा [M-1L-2T4A2] होती है |

विलगित गोली चालक के कारण विद्युत धारिता:- माना r त्रिज्या के एक विलगित गोलीय  चालक को q आदेश दिया गया है| जो उसके पृष्ठ पर एक सामान रूप से वितरित हो गया है |यदि गोले चालक परावैद्युत k में स्थित हो

विलगित गोली चालक के कारण विद्युत धारिताविलगित गोली चालक के कारण विद्युत धारिता

संधारित्र का सिद्धांत:-यदि किसी चालक के आवेशित होने पर पृथ्वी से संबंधित एक अन्य चालक को उसके पास में रख दें , तो पहले चालक के विभव को वह निरंतर कम करता रहता है| जिससे उसकी धारित बढ़ती रहती है | यही  संधारित्र की धारिता का सिद्धांत है |

संधारित्र के प्रकार:-सामान्यत: संधारित्र पांच प्रकार के होते हैं

1: – समांतर प्लेट संधारित्र 2:- गोलीय संधारित्र  3:- बेलनगर संधारित्र  4:- विद्युत अपघट्य संधारित्र  5:- परिवर्तित संधारित्र |

इस अध्याय में हम केवल समांतर प्लेट संधारित्र और गोलीय  संधारित्र के बारे में अध्ययन करेंगे |

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समांतर प्लेट संधारित्र:-समांतर प्लेट संधारित्र की रचना धातु की दो प्लेटों को पृथक करके स्टैंड पर एक दूसरे से कुछ दूरी पर रखकर करते हैं | क्योंकि इसमें प्लेट एक दूसरे के समांतर होती हैं | इसलिए इसे समांतर प्लेट संधारित्र  कहते हैं |

समांतर प्लेट संधारित्र:

 

समांतर प्लेट संधारित्र की धारिता के लिए व्यंजक:-माना एक समांतर प्लेट संधारित्र दो समांतर प्लेटो x और y से मिलकर बना है |  जिन का अनुप्रस्थ क्षेत्रपाल A  तथा उनके बीच की दूरी d है |और प्लेटों के बीच परावैद्युतांक पदार्थ K भरा है | 

यदि प्लेटो x को q आवेश दिया गया है और y को – q आवेश दिया गया है समांतर प्लेट संधारित्र की धारिता के लिए व्यंजकसमांतर प्लेट संधारित्र की धारिता के लिए व्यंजक

the end

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