Excellent Shiksha class - 12th,विद्युत धारिता Class 12th Physics Chapter-04 विद्युत धारिता part -03

Class 12th Physics Chapter-04 विद्युत धारिता part -03


Class 12th Physics Chapter-04 विद्युत धारिता part -03

Class 12th Physics Chapter-04 विद्युत धारिता part -03 में हम निम्न महत्वपूर्ण हैडिंग का अध्ययन करेंगे:- 

आवेशित संधारित्र में संचित उर्जा,
संधारित्र में उर्जा घनत्व,
आवेशित संधारित्रो के संयोजन पर आवेश का पुन: वितरण और उर्जा हानि, आदि |

हम आपसे ये गुजारिश करते है कि आप इन महत्व पूर्ण हैडिंग को अवस्य याद करे | क्यूंकि ये वो सभी हैडिंग है जो पिछले बहुत सालो के पेपर में रिपीट हुई है | 

अगर आप इन्हें याद करके एग्जाम में बैठते है तो आप 90 % से अधिक अंक हासिल कर सकते है | 

क्या जरूर्री है क्या नही  :-अच्छे से अच्छे अंक लाने के  लिए आपको बेहतर नोट्स एंड बेहतर क्लास लेनी चाहिये जो आपको बिलकुल फ्री में हम यहाँ पर दे रहे है |

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Class 12th Physics Chapter-04 विद्युत धारिता part -03

#:- आवेशित संधारित्र में संचित उर्जा :- माना संधारित्र की धारिता c है | जब संधारित्र को आवेशित किया जाता है तो उसका विभव शून्य से बढ़ते हुए v हो जाता है | माना किसी क्षण संधारित्र पर आवेश q ‘ तथा विभव v ‘ है अत:

 

आवेशित संधारित्र में संचित उर्जा
आवेशित संधारित्र में संचित उर्जा
आवेशित संधारित्र में संचित उर्जा
आवेशित संधारित्र में संचित उर्जा

Class 12th Physics Chapter-04 विद्युत धारिता part -03

#:- संधारित्र में उर्जा घनत्व :- विद्युत क्षेत्र में प्रति एकांक आयतन में उपस्थित संचित उर्जा को उर्जा घनत्व  कहते है | इसे u से प्रदर्शित करते है |

अर्थात
u = संचित उर्जा / आयतन = U / आयतन

img……..

संधारित्र में उर्जा घनत्व

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`#:- आवेशित संधारित्रो के संयोजन पर आवेश का पुन: वितरण और उर्जा हानि :- माना C 1 व C 2 धारिता वाले दो संधारित्र है|  जिन पर क्रमश: आवेश q 1 व q 2 है यदि किसी समय इन पर विभव क्रमश: v 1 व v 2 हो तब, 

q 1 = c 1 v 1 और q 2 = c 2 v 2
चित्र अनुसार जोड़ने पर माना इनका आवेश परिवर्तित होकर q 1 ‘ व q 2 ‘ हो जाता है और इनका विभव v हो जाता है तब
q 1 ‘ = c 1 v और q 2 = c 2 v

img….

आवेशित संधारित्रो के संयोजन पर आवेश का पुन: वितरण और उर्जा हानि

तब चालक के सयोजन का कुल आवेश
q = q 1 ‘ + q 2 ‘
= c 1 v + c 2 v
=(c 1 + c 2 ) v
आवेश के संरक्ष्ण के अनुसार –
संयोजन के पहले कुल आवेश = संयोजन के बाद कुल आवेश
q 1 + q 2 = q 1 ‘ + q 2 ‘
c 1 v 1 + c 2 v 2 =(c 1 + c 2 ) v
अत: v=(c 1 v 1 + c 2 v 2 )/ (c 1 + c 2 )
इस सूत्र की सहायता से कुल विभव ज्ञात किया जा सकता है
संयोजन में हानि निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात की जाती है –

img….

आवेशित संधारित्रो के संयोजन पर आवेश का पुन: वितरण और उर्जा हानि
the end

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