Excellent Shiksha class - 12th,विद्युत धारा Class 12th Physics Chapter-05 विद्युत धारा part -02

Class 12th Physics Chapter-05 विद्युत धारा part -02


Class 12th Physics Chapter-05 विद्युत धारा part -02

Class 12th Physics Chapter-05 विद्युत धारा part -02 में हम निम्न महत्वपूर्ण हैडिंग का अध्ययन करेंगे:- 

ओम का नियम,
अनुगमन वेग के आधार पर ओम के नियम की व्युतपत्ति,
विद्युत प्रतिरोध और प्रभावित करने वाले कारक,
प्रतिरोध पर ताप का प्रभाव,
तार को खींचने से तार के प्रतिरोध पर प्रभाव,
विद्युत चालकता और विशिष्ट चालकता,
विद्युत प्रतिरोधकता अथवा विशिष्ट प्रतिरोध,
ओमीय परिपथ और अनोमीय परिपथ,
प्रतिरोधो का संयोजन समांतर और श्रेणी क्रम में,आदि | 

हम आपसे ये गुजारिश करते है कि आप इन महत्व पूर्ण हैडिंग को अवस्य याद करे | क्यूंकि ये वो सभी हैडिंग है जो पिछले बहुत सालो के पेपर में रिपीट हुई है | 

अगर आप इन्हें याद करके एग्जाम में बैठते है तो आप 90 % से अधिक अंक हासिल कर सकते है | 

क्या जरूर्री है क्या नही  :-अच्छे से अच्छे अंक लाने के  लिए आपको बेहतर नोट्स एंड बेहतर क्लास लेनी चाहिये जो आपको बिलकुल फ्री में हम यहाँ पर दे रहे है |

अत: अच्छे से हमारी वेबसाइट https://excellentshiksha.com/ से पढे हम आशा करते है की आप बेहतर अंक प्राप्त करेंगे | 

Class 12th Physics Chapter-05 विद्युत धारा part -02

ओम का नियम 

जर्मन वैज्ञानिक डॉ साइमन ओम ने सं 1826 मे विभिन्न धातु के सिरो पर विभवनतर लगाकर एक नियम प्रतिपादित किया जिसे ओम का नियम  कहते है –

इस नियम के अनुसार यदि किसी चालक की भोतिक अवस्था जैसे ताप , दाब , आदि नियत रहे तो चालक मे उत्पन्न धारा उसके सिरो के मध्य आरोपित विभवानतर के अनुक्रमानुपाती होती है|

अर्थात    V ∝ I
V=IR
जहाँ R एक नियतांक है जिसे विद्युत प्रतिरोध कहते है|

 अनुगमन वेग के आधार पर ओम के नियम की व्युतपत्ति 

अनुगमन वेग के आधार पर ओम के नियम की व्युतपत्ति
अनुगमन वेग के आधार पर ओम के नियम की व्युतपत्ति

Class 12th Physics Chapter-05 विद्युत धारा part -02

विद्युत प्रतिरोध

किसी चालक की विद्युत धारा के मार्ग में चालक द्वारा लगाया गया अवरोध प्रतिरोध  कहलाता है | इसे R से प्रदर्शित करते है| यह सदेव परिपथ में उपस्थित विद्युत विभव और विद्युत धारा के अनुपात के बराबर होता है |

अर्थात
R = V / I
मात्रक – ओम अथवा वोल्ट प्रति एम्पेयर |

चालक के प्रतिरोध को प्रभावित करने वाले कारक

चालक के प्रतिरोध निम्नलिखित कारक प्रभावित करते है –
हम जानते है की ओम के नियम में जो नियतांक होता है वाही प्रतिरोध को प्रदर्शित करता है अत:-

प्रतिरोध का सूत्र

 अत: सूत्र से स्पष्ट है की –
1- चालक का प्रतिरोध चालक तार की लम्बाई के अनुकार्मानुपति होता है|
2- चालक का प्रतिरोध चालक तार के अनुप्रस्थ क्षेत्रफल के व्युत्क्रम अनुक्रमानुपाती होता है |
3- चालक का प्रतिरोध श्रान्तिकाल के भी व्युत्क्रमानुपाती होता है |

प्रतिरोध पर ताप का प्रभाव

चालक का तापमान बढ़ाने से प्रतिरोध का मान बढ़ जाता है | जबकि अर्धचालक और अचालक का तापमान बढ़ाने से प्रतिरोध का मान घट जाता है|

तार को खींचने से तार के प्रतिरोध पर प्रभाव

यदि किसी तार की लम्बाई को n गुना खिंच कर कर दिया जाता है , तो उसका प्रतिरोध n का वर्ग गुना हो जाता है | यह आपको न्यूमेरिकल ज्ञात करने में मदद करेगा |

Class 12th Physics Chapter-05 विद्युत धारा part -02

विद्युत चालकता

किसी विद्युत परिपथ में विद्युत प्रतिरोध के व्युत्क्रम को विद्युत चालकता  कहते है | इसे G से प्रदर्शित करते है |

अर्थात G = 1/ R
मात्रक – महो अथवा ओम की घात -1
इसका अन्य मात्रक सीमेंस भी होता है

विशिष्ट चालकता

विशिष्ट प्रतिरोध के व्युत्क्रम को विशिष्ट चालकता  कहते है | इसे सिग्मा (σ ) से प्रदर्शित करते है |

अर्थात
σ = 1 / ρ
मात्रक प्रति ओम प्रति मीटर

 

विद्युत प्रतिरोधकता अथवा विशिष्ट प्रतिरोध

विद्युत क्षेत्र में विद्युत क्षेत्र की तीर्वता और धारा घनत्व के अनुपात को चालक की प्रतिरोधकता कहते है | इसे रो (ρ) से प्रदर्शित करते है |

अर्थात
ρ= E / J

मात्रक -ओम मीटर

नोट :- किसी चालक के पदार्थ की प्रतिरोधकता का मान उस चालक के 1 मीटर लम्बे तथा 1 वर्ग मीटर अनुप्रस्थ कट के क्षेत्रफल वाले टुकड़े के प्रतिरोध के बराबर होता है |

प्रतिरोधकता का सूत्र

Class 12th Physics Chapter-05 विद्युत धारा part -02

ओमीय परिपथ

वे परिपथ ओमीय परिपथ  कहलाते है , जो ओम के नियम का पालन करते है| जैसे सामान्य परिपथ जो की घरो में प्रयुक्त किये जाते है |

अनोमीय परिपथ

वे परिपथ जो ओम के नियम का पूर्ण रूप से पालन नही करते है, अनोमीय परिपथ  कहलाते है| जैसे :- संधि डायोड , ट्रांसिस्टर आदि |

प्रतिरोधो का संयोजन

प्रत्येक प्रतिरोध को निम्न दो प्रकार से जोड़ा जा सकता है –
1:- समांतर क्रम में     2:- श्रेणी क्रम में

समांतर क्रम में प्रतिरोधो का संयोजन

इसमें तुल्य प्रतिरोध सभी प्रतिरोधो के व्यत्क्र्म के बीज गणितीय योग के व्युत्क्रम के बराबर होता है | अत: जब भी आप न्यूमेरिकल करे तो इसका अवश्य ध्यान रखे |

 श्रेणी क्रम में प्रतिरोधो का संयोजन

इसमें तुल्य प्रतिरोध सभी प्रतिरोधो के बीज गणितीय योग के बराबर होता है |अत: जब भी आप न्यूमेरिकल करे तो इसका अवश्य ध्यान रखे |

नोट :- आपने यह 10 वी क्लास में पढ़ा है ,इसलिए यह पर आपको बस इसे ज्ञात करना सिखाया जायेगा क्योंकि यह पेपर में नही आता है लेकिन इसके उपर न्यूमेरिकल जरूर आता है |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *