Class 10th Science Chapter-02 (अम्ल , क्षार एवं लवण) part -02 अम्ल , क्षार एवं लवण का ही एक अहम् भाग है | अगर आप इस इकाई अथवा पाठ को अच्छे से अध्ययन करना चाहते है तो हम आपसे यही अनुरोध करते है कि आप इस बहुत बड़ी इकाई को छोटे छोटे part में पढ़े | यही वजह है कि हम आपको यहाँ पर part वाइज नोट्स Provide के रहे है | इस part में जो भी महत्वपूर्ण हैडिंग है उन्हें जरूर याद करे | क्यूंकि ये ही आपको अच्छे मार्क्स प्राप्त करने में मदद करेंगी |
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What We Learn In This Part
इस भाग में हम बोर्ड में पूछे गये कम से कम 3 से 5 मार्क्स का अध्ययन करेंगे | अत: आप इन्हें ध्यान से पढ़े | अगर आप कुछ समस्या महसूस करते है तो आप हमे सम्पर्क कर सकते हो और आप Ask Question पर क्लिक करके प्रश भी पूछ सतके हो | हम आपसे ये गुजारिश करते है कि आप इन महत्व पूर्ण हैडिंग को अवस्य याद करेंगे | क्यूंकि ये वो सभी हैडिंग है जो पिछले बहुत सालो के पेपर में रिपीट हुई है | अगर आप इन्हें याद करके एग्जाम में बैठते है तो आप 90 % से अधिक अंक हासिल कर सकते है |
Class 10th Science Chapter-02 (अम्ल , क्षार एवं लवण) part -02 में महत्वपूर्ण Headings इन्हें अच्छे से याद करे | ये आपको अच्छे अंक दिलाने में मदद करेगी :
- क्षारकीय लवण और संकर लवण
- फिटकरी का सूत्र
- साधारण नमक और इसकी निर्माण विधि एवं उपयोग
- विरंजक चूर्ण और इसकी निर्माण विधि एवं उपयोग
- किंग सोडा या सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट
- धवन सोडा या सोडियम कार्बोनेट डेका हाइड्रेट
- प्लास्टर ऑफ़ पेरिश
हम आपसे ये गुजारिश करते है कि आप इन महत्व पूर्ण हैडिंग को अवस्य याद करे | क्यूंकि ये वो सभी हैडिंग है जो पिछले बहुत सालो के पेपर में रिपीट हुई है |
अगर आप इन्हें याद करके एग्जाम में बैठते है तो आप 90 % से अधिक अंक हासिल कर सकते है |
क्षारकीय लवण और संकर लवण
क्षारकीय लवण :- वह लवण जिसमे हाइड्रॉक्सिल समूह उपस्थित होते है, क्षारकीय लवण कहलाते है |
जैसे :- Pb(OH)Cl , CuCO3.Cu(OH)2 आदि |
संकर लवण :- वे लवण जो विलयन में डालने पर वियोजित नही होते अर्थात आलग आलग आयन के गुण प्रदर्शित नही करते है |
जैसे :- फिटकरीयां |
नोट:- फिटकरी का सूत्र – FeSO4.Al2(SO4)3.24H2O होता है |
साधारण नमक और इसकी निर्माण विधि एवं उपयोग
साधारण नमक :- इसे सोडियम क्लोराइड के नाम से जाना जाता है | आमतोर पर इसे टेबल साल्ट से भी पुकारते है | इसका रासायनिक सूत्र NaCl होता है |
इसे उदासिनिक्र्ण अभिक्रिया द्वारा बनाया जाता है , अर्थात जब HCl व NaOH की अभिक्रिया की जाती है , तब यह बनता है इसे सामान्यत: समुद्र से ही प्राप्त करते है | इसलिए इसे खनिज लवण भी कहते है |
साधारण नमक के प्रमुख गुण :– इसके निम्नलिखित गुण है –
- यह एक रंगहीन क्रिष्ट्लीय पदार्थ है |
- यह जल में विलय होते है |
- इसका स्वाद नमकीन होता है |
रासायनिक गुण :-
1:- अम्लो से अभिक्रिया :- अम्लो से अभिक्रिया करके यह अम्ल ही बनता है|
जैसे :-
NaCL + H2SO4 ——–> NaHSO4 + HCL
2:- अमोनिया के साथ अभिक्रिया :- अमोनियम क्लोराइड बनता है –
NaCl + NH3 +CO2 + H2O ——–> NaHCO3 + NH4Cl
3:- रेत से अभिक्रिया :- यह रेत से अभिक्रिया करके सोडियम सिलिकेट बनता है |
उपयोग :-
- भोजन बनाने में |
- मिटटी के बर्तनों में पोलिश चढ़ने में |
- मांस , वगेरह को संरक्षित करने में |
- साबुन के निर्माण में |
विरंजक चूर्ण और इसकी निर्माण विधि एवं उपयोग
विरंजक चूर्ण :- इसे ब्लीचिंग पाउडर के नाम से भी जाना जाता है |इसका रासायनिक सूत्र – CaOCl2 या Ca(OCl)Cl होता है |
निर्माण विधि :- जब शुष्क बुझा हुआ चुना क्लोरीन गैस के साथ अभिक्रिया करता है तो विरंजक चूर्ण का निर्माण होता है –
Ca(OH)2 + Cl2 ————> CaOCl2 + H2O
गुण :-
भोतिक गुण:-
- यह हल्के पीले रंग का चूर्ण होता है |
- इससे क्लोरीन गैस की विशेष गंध आती है |
- यह जल में घुलने पर धुधिया हो जाता है |
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Class 10 Science Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण Part 2
रासायनिक गुण :–
1:- जल के साथ अभिक्रिया :- यह जल के साथ अभिक्रिया करके क्लोरीन गैस देता है |
CaOCl2 + H2O —————> Ca(OH)2 + Cl2
2:- ऊष्मा का प्रभाव :- गर्म करने पर यह अपघटित हो जाता है –
2CaOCl2 ———> 2CaCl2 + O2
3:- अम्लो से क्रिया :- अम्लो से क्रिया करके ये सामान्यत: क्लोरीन गैस देते है –
CaOCl2 +H2SO4 —————–> CaSo4 + H2O + Cl2
उपयोग:-
- वस्त्र उधोग में |
- प्रयोगशाला में अभिकर्मक के रूप में |
- पिने वाले जल के अनुओ को माँरने में |
बेकिंग सोडा या सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट
#:- बेकिंग सोडा या सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट :- इसे आमतोर पर घरो में रसोई के अंदर उपयोग किया जाता है | खाने को शीघ्रता से पकाने में दूध को फटने से रोकने में आदि में इसका उपयोग किया जाता है |
इसका रासायनिक सूत्र NaHCO3 होता है ,और इसका रासायनिक नाम सोडियम बाई कार्बोनेट होता है |
निर्माण विधि :- बेकिंग सोडे का निर्माण सोडियम क्लोराइड की कार्बन डाई ऑक्साइड की परस्पर अभिक्रिया द्वारा किया जा सकता है |
NaCl+ H2O + CO2 +NH3 —————> NH4Cl + NaHCO3
इसे सोडियम कार्बोनेट से भी बनाया जा सकता है –
Na2CO3 + H2O + CO2 —————> 2NaHCO3
गुण :-
भोतिक गुण :- इसमें निम्नलिखित भोतिक गुण पाए जाते है –
- यह सफेद क्रिष्ट्लीय पदार्थ है |
- यह जल में अल्प मात्रा में विलय है |
- इसका विलयन क्षारीय होता है |
- इसे कच्चे दूध में मिलाने से दूध देर से फटता है |
रासायनिक गुण :- इसमें निम्न लिखित रसायनिक गुण पाए जाते है –
1:- ऊष्मा से अभिक्रिया :- सोडियम अर्बोनेट में अपघटित हो जाता है –
2NaHCO3 ——–> Na2CO3 + H2O +CO2
2:- अम्लो से अभिक्रिया :- यह तनु अम्लो से अभिक्रिया करके जल व लावन बनता है –
NaHCO3 + HCl ——-> NaCl + H2O + CO2
उपयोग :- इसके निम्न लिखित उपयोग है –
- खाध्य पदार्थो में स्वाद उत्त्पन्न करने में
- पेट की उदासीनता को बनाने में
- दूध को फटने से रोकने में
- अग्निशामक के रूप में
धवन सोडा या सोडियम
धवन सोडा या सोडियम कार्बोनेट डेका हाइड्रेट :- यह एक एसा रासायनिक पदार्थ है| जिसका उपयोग कपडो की धुलाई करने में किया जाता है |
इसका रसायनिक सूत्र -Na2Co3.10H2O होता है और इसका रासायनिक नाम सोडियम कार्बोनेट डेका हाइड्रेट होता है |
निर्माण विधि :- इसका निर्माण सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट से किया जा सकता है –
2NaHCO3 ——————> Na2CO3 + H2O + CO2
Na2CO3 + 10 H2O —————> Na2CO3.10H2O
गुण:-
भोतिक गुण :- यह निम्नलिखित भोतिक गुण प्रदर्शित करता है –
- यह एक गंध हिन् सफेद क्रिष्ट्लीय पदार्थ होता है |
- यह जल में पूर्ण रूप से विलय है |
- इसे शुष्क वायु में रखने से जल के अणु निकल जाते है |
रासायनिक गुण :-यह निम्नलिखित रासायनिक गुण प्रदर्शित करता है |
1:- ऊष्मा का प्रभाव :- गर्म करने पर यह जल के अणु को छोड़ देता है अर्थात इसका निर्जलिकरण हो जाता है |
Na2CO3.10H2O —————->Na2CO3 + 10H2O
2:- कार्बन डाई ऑक्साइड से अभिक्रिया :- यह इससे अभिक्रिया करके सोडियम बाई कार्बोनेट बनता है |
Na2CO3+ H2O + CO2 ————-> 2NaHCO3
3:- अम्लो से अभिक्रिया :- यह अम्लो से अभिक्रिया करके लवण व जल देता है
Na2CO3 + H2SO4 —————> Na2SO$+ H2O + CO2
उपयोग:- इसके निम्नलिखित उपयोग है –
- साबुन व कागज के निर्माण में |
- बोरेक्ष के निर्माण में |
- कपड़ो की धुलाई में |
- जल की स्थाई कठोरता को हटाने में |
प्लास्टर ऑफ़ पेरिश
प्लास्टर ऑफ़ पेरिश :- इसका रासायनिक सूत्र CaSO4.1/2H2O होता है ,और इसका रासायनिक नाम कैल्सियम सलफेट हेमी हाइड्रेट होता है |
निर्माण विधि :– इसका निर्माण जिप्सम से किया जाता है |
CaSO4.2H2O—————–> CaSO4.1/2H2O + 3/2H2O
उपयोग :- इसके निम्न लिखित उपयोग है –
- खिलोने बनाने में |
- सजावट के सामान के निर्माण में |
- टूटी हुई हड्डियों के उप्पर पलस्तर चढाने में |
- सीमेंट बनाने में |
,…………………..THE END ……………….