Class 10th Science Chapter-12 विद्युत part – 03 विद्युत का ही एक अहम् भाग है | अगर आप इस इकाई अथवा पाठ को अच्छे से अध्ययन करना चाहते है तो हम आपसे यही अनुरोध करते है कि आप इस बहुत बड़ी इकाई को छोटे छोटे part में पढ़े | यही वजह है कि हम आपको यहाँ पर part वाइज नोट्स Provide के रहे है | इस part में जो भी महत्वपूर्ण हैडिंग है उन्हें जरूर याद करे | क्यूंकि ये ही आपको अच्छे मार्क्स प्राप्त करने में मदद करेंगी |
Table of Contents
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What We Learn In This Part
इस भाग में हम बोर्ड में पूछे गये कम से कम 3 से 5 मार्क्स का अध्ययन करेंगे | अत: आप इन्हें ध्यान से पढ़े | अगर आप कुछ समस्या महसूस करते है तो आप हमे सम्पर्क कर सकते हो और आप Ask Question पर क्लिक करके प्रश भी पूछ सतके हो | हम आपसे ये गुजारिश करते है कि आप इन महत्व पूर्ण हैडिंग को अवस्य याद करेंगे | क्यूंकि ये वो सभी हैडिंग है जो पिछले बहुत सालो के पेपर में रिपीट हुई है | अगर आप इन्हें याद करके एग्जाम में बैठते है तो आप 90 % से अधिक अंक हासिल कर सकते है |
Class 10th Science Chapter-12 विद्युत part – 03 में महत्वपूर्ण Headings इन्हें अच्छे से याद करे | ये आपको अच्छे अंक दिलाने में मदद करेगी :
- विद्युत धारा का तापीय प्रभाव
- विद्युत शक्ति एवं इसके मात्रक
- चालक में उत्पन्न ऊष्मा की माप
- विद्युत धारा के उष्मीय प्रभाव की प्रभावित करने वाले कारक
- विद्युत धारा के तापीय प्रभाव पर आधारित उपकरण
- विद्युत बल्ब का सिद्धांत एवं कार्यविधि
- विद्युत फ्यूज का सिद्धांत एवं कार्यविधि
विद्युत धारा का तापीय प्रभाव
विद्युत धारा का तापीय प्रभाव :- विद्युत धारा के प्रवाह से किसी चालक के ताप बढने की घटना को विद्युत धारा का तापीय प्रभाव कहते है| इसे विद्युत धारा का उष्मीय प्रभाव भी कहते है | इसके आधार पर हीटर , विद्युत बल्ब , इस्त्री और अनेक ऐसे उपकरण बनाये गये जो ऊष्मा की सहायता से अनेक कार्यो को सरलता से पूर्ण करने में सहायता प्रदान करते है |
विद्युत धारा के तापीय प्रभाव के व्यावहारिक अनुप्रयोग :
- विद्युत तापन का उपयोग प्रकाश उत्पन्न करने के लिए सामान्य बल्ब में किया जाता है |
- जूल तापन का एक अन्य उपयोग विद्युत फ्यूज में किया जाता है | जो घरो में होने वाली हानिकारक घटनाओं से सुरक्षा प्रदान करता है |
- विद्युत इस्तरी , विद्युत केतली , विद्युत हीटर , विद्युत तंदूर आदि तापीय प्रभाव पर कार्य करते है |
नोट : बल्ब के तंतुओ को बनाने के लिए उच्च गलनांक 3380 डिग्री सेल्सियस वाले टंग्स्टन को उपयोग में लेते है ताकि ऊँचे ताप तक तंतु पहले गर्म होते है और फिर प्रकाश उत्सर्जित करते है | तंतु द्वारा उपयुक्त उर्जा का अधिकांश भाग ऊष्मा के रूप में प्रकट होता है |
विद्युत धारा के उष्मीय प्रभाव की प्रभावित करने वाले कारक :- यह निम्नलिखित कारको पर निर्भर करता है –
- विद्युत धारा के कारण उत्पन्न ऊष्मा प्रतिरोध के अनुक्र्मानुपाती होती है अर्थात जैसे जैसे प्रतिरोध का मान बढ़ता है वैसे ही ऊष्मा का मान भी बढ़ता है |
- विद्युत धारा के कारण उत्पन्न ऊष्मा विद्युत धारा के अनुक्र्मानुपाती होती है अर्थात जैसे जैसे विद्युत धारा का मान बढ़ता है वैसे ही ऊष्मा का मान भी बढ़ता है |
- विद्युत धारा के कारण उत्पन्न ऊष्मा समय के अनुक्र्मानुपाती होती है अर्थात जैसे जैसे समय का मान बढ़ता है वैसे ही ऊष्मा का मान भी बढ़ता है |
विद्युत शक्ति
विद्युत शक्ति : किसी परिपथ में उपयोग होने वाली उर्जा अथवा क्षयित विद्युत उर्जा की दर को विद्युत शक्ति कहते है | इसे P से प्रदर्शित करते है |
यदि किसी परिपथ में विभव V और धारा I हो तो इस परिपथ में विद्युत शक्ति
विद्युत उर्जा की माप :– इसे निम्न मात्रक में मापा जाता है –
1-वाट घंटा :- वह उर्जा जो एक वाट की सामर्थ्य वाले परिपथ में एक घंटे में खर्च होती है एक वाट घंटा कहलाती है |
अर्थात –
1 वाट घटा = 3600 जुल
1- किलोवाट घंटा :- किसी परिपथ में जुड़े एक किलोवाट के उपकरण में एक घंटे में जितनी उर्जा खर्च होती है उसे एक किलोवाट घंटा अथवा एक यूनिट कहते है |
अर्थात –
एक किलोवाट घंटा = एक किलोवाट x एक घंटा =1000x60x60 = 3600000 जुल
नोट : चालक में उत्पन्न ऊष्मा की माप :- माना चालक का प्रतिरोध R , और इसके सिरों पर विद्युत विभव V है और इसमें धारा i बह रही है , तब धारा t समय तक प्रवाहित करने में उत्पन्न हुई ऊष्मा –
विद्युत धारा के तापीय प्रभाव पर आधारित उपकरण
विद्युत धारा के तापीय प्रभाव पर आधारित उपकरण :- इस पर आधारित उपकरण निम्न है –
- बल्ब
- हीटर
- इस्त्री
- विद्युत फ्यूज आदि है |
इनमे से बल्ब और विद्युत फ्यूज पर हम प्रकाश डालेंगे 1
एक बार इन्हें जरूर पढ़े
विद्युत बल्ब का सिद्धांत एवं कार्यविधि
विद्युत बल्ब :-
सिद्धात :- यह विद्युत धारा के उष्मीय प्रभाव पर कार्य करता है अर्थात जैसे ही चालक तार में धारा प्रवाहित की जाती है चालक तार गर्म होने लगता है | जिसे विद्युत धारा का उष्मीय प्रभाव भी कहते है| इसी के कारण प्रकाश उत्पन्न होने लगता है |
सरंचना :- इसमें एक कांच का खोखला गोला होता है| जिसके अंदर की वायु को निकाल कर निर्वात कर दिया जाता है और इसमें नाइट्रोजन जैसी गैस भर दी जाती है| दूसरी ओर इसके अंदर एक तन्तु लगा रहता है जो टंग्स्टन का होता है, क्योंकि टंग्स्टन ताप को अधिक सीमा तक सहन कर सकता है और अधिक मात्रा में प्रकाश देता है |
कार्यविधि :- जैसे ही बल्ब में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है वैसे ही ऊष्मा उत्पन्न होने लगती है और तंतु प्रकाश उत्पन्न करने लगता है |
नोट : बल्ब के तंतुओ को बनाने के लिए उच्च गलनांक 3380 डिग्री सेल्सियस वाले टंग्स्टन को उपयोग में लेते है ताकि ऊँचे ताप तक तंतु पहले गर्म होते है और फिर प्रकाश उत्सर्जित करते है | तंतु द्वारा उपयुक्त उर्जा का अधिकांश भाग ऊष्मा के रूप में प्रकट होता है |
विद्युत फ्यूज का सिद्धांत एवं कार्यविधि
विद्युत फ्यूज :-इसके द्वारा घरो में बहने वाली को एक सीमा तक बहने के लिए निर्धारित किया जाता है जैसे ही उससे अधिक धारा बहती है यह परिपथ को पूर्ण नही होने देता है और टूटकर विद्युत धारा का मार्ग बंद कर देता है | जिससे घरो में होने वाली हानि बच जाती है |
The End