Class 12 Chemistry Chapter 5 उपसहसंयोजन योगिक Part 2 उपसहसंयोजन योगिक का ही एक अहम् भाग है | अगर आप इस इकाई अथवा पाठ को अच्छे से अध्ययन करना चाहते है तो हम आपसे यही अनुरोध करते है कि आप इस बहुत बड़ी इकाई को छोटे छोटे part में पढ़े | यही वजह है कि हम आपको यहाँ पर part वाइज नोट्स Provide कर रहे है | इस part में जो भी महत्वपूर्ण हैडिंग है उन्हें जरूर याद करे | क्यूंकि ये ही आपको अच्छे मार्क्स प्राप्त करने में मदद करेंगी |
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Class 12 Chemistry Chapter 5 उपसहसंयोजन योगिक Part 2
Class 12 Chemistry Chapter 5 उपसहसंयोजन योगिक Part 2 में हम बोर्ड में पूछे गये कम से कम 3 से 5 मार्क्स का अध्ययन करेंगे | अत: आप इन्हें ध्यान से पढ़े | अगर आप कुछ समस्या महसूस करते है तो आप हमे सम्पर्क कर सकते हो और आप Ask Question पर क्लिक करके प्रश्न भी पूछ सतके हो | हम आपसे ये गुजारिश करते है कि आप इन महत्वपूर्ण हैडिंग को अवस्य याद करेंगे | क्यूंकि ये वो सभी हैडिंग है जो पिछले बहुत सालो के पेपर में रिपीट हुई है | अगर आप इन्हें याद करके एग्जाम में बैठते है तो आप 90 % से अधिक अंक हासिल कर सकते है |
Class 12 Chemistry Chapter 5 उपसहसंयोजन योगिक Part 2 में महत्वपूर्ण Headings निम्नलिखित है | इन्हें अच्छे से याद करे | ये आपको अच्छे अंक दिलाने में मदद करेगी:
- लिगेंड और इसके प्रकार
- संयोजकता के आधार पर लिगेंड का वर्गीकरण एक दंतुक, द्वि दंतुक और बहु दंतुक लिगेंड
- किलेट संकुल या किलेटीकरण और इसके गुण
- केन्द्रीय परमाणु की ऑक्सीकरण संख्या और उपसहसंयोजन या समन्वय संख्या
- समनव्य बहूफलक
लिगेंड और इसके प्रकार
4;- लिगेंड :- द्वितीयक संयोजकता द्वारा केन्द्रीय धातु परमाणु या आयन के चारो और आंतरिक क्षेत्र में जुड़े हुए उदासीन अणु जैसे NH3 , H2O आदि लिगेंड कहलाते है |
इनका वर्गीकरण इन पर आवेश और इनकी संयोजकता के आधार पर किया जा सकता है :
1- आवेश के आधार पर लिगेंड का वर्गीकरण :- इस आधार पर ये तीन प्रकार के होते है –
a:- ऋण आवेशित लिगेंड :– सामान्यत: लिगेंड ऋण आवेशित होते है अर्थात इन पर आवेश ऋण आवेश होआ है 1जैसे – Cr – , Br – , I – , F- , OH- , आदि |
b :- उदासीन लिगेंड :- ऐसे लिगेंड जिन पर आवेश नही होता है उन्हें उदासीन लिगेंड कहते है 1 जैसे – H2O , NH3 , CO , RO आदि |
c :- धन आवेशित लिगेंड :-ऐसे लिगेंड जिन पर धन आवेश होता है धन आवेशित लिगेंड कहलाते है 1 जैसे – NO+ , NH2-NH3+ आदि |
लिगेंड और इसके प्रकार
2:- संयोजकता के आधार पर लिगेंड का वर्गीकरण :– इस आधार पर ये निम्न प्रकार के होते है –
एक दंतुक लिगेंड :– वे लिगेंड जिनके पास केवल एक इलेक्ट्रान यूग्म दाता परमाणु होता है , एक दंतुक लिगेंड कहलाते है | ये केवल केन्द्रीय धातु परमाणु से एक और से ही जुड़ सकते है| जैसे :- H2O , NH3 , F- , Cl- , NO- , आदि |
द्वि दंतुक लिगेंड :- वे लिगेंड जिनके पास केवल दो इलेक्ट्रान यूग्म दाता परमाणु होता है , द्वि दंतुक लिगेंड कहलाते है | ये केवल केन्द्रीय धातु परमाणु से दो और से ही जुड़ सकते है|
जैसे :-
बहु दंतुक लिगेंड :- वे लिगेंड जिनके पास दो से अधिक इलेक्ट्रान युग्म दाता परमाणु उपस्थित होते है बहु दंतुक लिगेंड कहलाते है ये दो से अधिक प्रकार से धातु परमाणु से जुड़ सकते है |
जैसे :-
किलेट संकुल या किलेटीकरण और इसके गुण
5:- किलेट संकुल या किलेटीकरण :– द्विदंतुक या बहु दंतुक लिगेंड में एक ही धातु से दो या उससे अधिक दाता परमाणु उपसह संयोजी आबन्ध द्वारा जुड़ सकते है | इस प्रकार बने वलय को किलेट कहते है, तथा लिगेंड को किलेटीकारक लिगेंड कहते है और यह प्रक्रिया किलेटीकरण कहलाती है, और इस संकुल को किलेट संकुल कहते है |
जैसे :-
गुण :-
1- किलेट सामान्य संकुलों की अपेक्षा अधिक स्थायी होते है |
2- किलेट का प्रयोग कुछ धातु आयन की पहचान करने के लिए किया जाता है |
3-किलेट का प्रयोग कठोर जल को मृदु करने में किया जाता है |
केन्द्रीय परमाणु की ऑक्सीकरण संख्या और उपसहसंयोजन या समन्वय संख्या
6:- केन्द्रीय परमाणु की ऑक्सीकरण संख्या :– वह सांख्यिक मान जो संकुल आयन या संकुल अणु के केन्द्रीय धातु परमाणु पर विद्युत आवेश को निरुपित है , केन्द्रीय धातु की ऑक्सीकरण संख्या कहलाती है | जैसे :- [Fe(CN)6] 4- में Fe की ऑक्सीकरण संख्या + 2 है |
7:- उपसहसंयोजन या समन्वय संख्या :- एक संकुल में धातु आयन की उपसहसंयोजन या समन्वय संख्या उससे सम्बन्धित लिगेंड़ो के उन दाता परमाणुओ की संख्या के बराबर होती है , जो धातु से सीधे जुड़े होते है | जैसे :-
[Ni(CN)4]2- me उपसहसंयोजन या समन्वय संख्या 4 है |
समनव्य बहूफलक
8: समनव्य बहूफलक: केंद्रीय परमाणु आएं से सीधे जुड़े लिगेंड परमाणुओ की द्विक- स्थान व्यवस्था को समन्वय बहुफलक कहते हैं।
जैसे :-