Excellent Shiksha class - 12th,विद्युत विभव Class 12 Physics Chapter 3 विद्युत विभव part 2

Class 12 Physics Chapter 3 विद्युत विभव part 2


Class 12th Physics विद्युत विभव part-02

Class 12 Physics Chapter 3 विद्युत विभव part 2 विद्युत विभव अथवा  VIDYUT VIBHAV का ही एक अहम् भाग है | अगर आप इस इकाई अथवा पाठ को अच्छे से अध्ययन करना चाहते है तो हम आपसे यही अनुरोध करते है कि आप इस बहुत बड़ी इकाई को छोटे छोटे part में पढ़े | यही वजह है कि हम आपको यहाँ पर part वाइज नोट्स Provide कर रहे है | इस part में जो भी महत्वपूर्ण हैडिंग है उन्हें जरूर याद करे | क्यूंकि ये ही आपको अच्छे मार्क्स प्राप्त करने में मदद करेंगी |

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Class 12 Physics Chapter 3 विद्युत विभव part 2

Class 12 Physics Chapter 3 विद्युत विभव part 2 में हम बोर्ड में पूछे गये कम से कम 3 से 5 मार्क्स का अध्ययन करेंगे | अत: आप इन्हें ध्यान से पढ़े | अगर आप कुछ समस्या महसूस करते है तो आप हमे सम्पर्क कर सकते हो और आप Ask Question पर क्लिक करके प्रश्न भी पूछ सतके हो | हम आपसे ये गुजारिश करते है कि आप इन महत्वपूर्ण हैडिंग को अवस्य याद करेंगे  | क्यूंकि ये वो सभी हैडिंग है जो पिछले बहुत सालो के पेपर में रिपीट हुई है | अगर आप इन्हें याद करके एग्जाम में बैठते है तो आप 90 % से अधिक अंक हासिल कर सकते है |

Class 12 Physics Chapter 3 विद्युत विभव part 2 में महत्वपूर्ण  Headings निम्नलिखित है | इन्हें अच्छे से याद करे | ये आपको अच्छे अंक दिलाने में मदद करेगी: 

  1. विभव प्रवणता की परिभाषा,
  2. विभव प्रवणता और विद्युत क्षेत्र की तीर्वता में सम्बन्ध,
  3. समविभव पृष्ट और इसके गुण,
  4. दो समविभव पृष्ट कभी भी एक दुसरे को नही काटते क्यों,
  5. विद्युत स्थितिज उर्जा की परिभाषा,
  6. एक समान विद्युत क्षेत्र में विद्युत द्विधुर्व को घुमाने में किया गया कार्य,
  7. आवेशित चालक का विद्युत क्षेत्र एवं विद्युत विभव, आदि

हम आपसे ये गुजारिश करते है कि आप इन महत्व पूर्ण हैडिंग को अवस्य याद करे | क्यूंकि ये वो सभी हैडिंग है जो पिछले बहुत सालो के पेपर में रिपीट हुई है | 

अगर आप इन्हें याद करके एग्जाम में बैठते है तो आप 90 % से अधिक अंक हासिल कर सकते है |

क्या जरूर्री है क्या नही  :-अच्छे से अच्छे अंक लाने के  लिए आपको बेहतर नोट्स एंड बेहतर क्लास लेनी चाहिये जो आपको बिलकुल फ्री में हम यहाँ पर दे रहे है |

अत: अच्छे से हमारी वेबसाइट https://excellentshiksha.com/ से पढे हम आशा करते है की आप बेहतर अंक प्राप्त करेंगे | 

विभव प्रवणता की परिभाषा

विभव प्रवणता :- बिंदु आवेश के कारण  विद्युत क्षेत्र की दिशा में आवेश से दुरी परिवर्तन के साथ साथ विभव में भी परिवर्तन होता इस परिवर्तन की दर को विभव प्रवणता कहते है|  इसे K से प्रदर्शित करते है| 

सामान्यत: इसे निम्न सूत्र से ज्ञात करते है –
                                                       K = dv / dr   
                                                  मात्रक – वोल्ट / मीटर
                                                     राशि – सदिश   
                                                    दिशा – ऋण आवेश से धन आवेश की और 
                                                    विमा – [ML^2T^-3A^-1] 

विभव प्रवणता और विद्युत क्षेत्र की तीर्वता में सम्बन्ध

 विभव प्रवणता और विद्युत क्षेत्र  की तीर्वता में सम्बन्ध –
माना बिंदु o पर एक धन आवेश q स्थित है इस बिंदु के सापेक्ष बिंदु p स्थिति r है आवेश q के  कारन बिंदु p पर विद्युत क्षेत्र की तीर्वता E है तब चित्रानुसार –

विभव प्रवणता और विद्युत क्षेत्र  की तीर्वता में सम्बन्ध

समविभव पृष्ट और इसके गुण

 
समविभव पृष्ट :- एक एसा पृष्ट जिस के प्रत्येक बिंदु पर विभव समान हो समविभव पृष्ट कहलाता है |  
 
इसमें निम्न लिखित गुण विधमान होते है –                                                                                               
1) समविभव पृष्ट कर  प्रत्येक बिंदु पर विभव समान होता है |                                                                     
2:- समविभव पृष्ट के ऊपर एक आवेश को एक बिंदु से दुसरे बिंदु तक ले जाने में किया गया कार्य शून्य होता है |                                                                                                                                       
3:दो समविभव पृष्ट कभी भी एक दुसरे को नही काटते क्योंकि यदि एसा होता है तो कटान बिंदु पर दो स्पर्श रेखा खिंची जा सकेगी जो दो अलग अलग दिशा  को प्रदर्शित करेगी जो की असम्भव है | 
 
#:- कुछ समविभव पृष्ट :- कुछ विशेष आवेशो के कारण समविभव पृष्ट इस प्रकार के होते है – 
 
समविभव पृष्ट

दो समविभव पृष्ट कभी भी एक दुसरे को नही काटते क्यों?

उत्तर: दो समविभव पृष्ट कभी भी एक दुसरे को नही काटते क्योंकि यदि एसा होता है तो कटान बिंदु पर दो स्पर्श रेखा खिंची जा सकेगी जो दो अलग अलग दिशा  को प्रदर्शित करेगी जो की असम्भव है | 
 
नोट :- एक समान विद्युत क्षेत्र में आवेशित कण की गति :-                                                             v = √2vq  / m                                                     
इसमें कण का गमन पथ परवलय कार  होता है  |                      
                                              
विद्युत स्थितिज उर्जा :-  विद्युत बल के विरुद्ध किया गया कार्य स्थितिज उर्जा के रूप में संचित हो जाता है | इसे सामान्यत:- निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात करते है –
विद्युत स्थितिज उर्जा
 
नोट :- दो या दो से अधिक आवेशो से बने निकायों मे किसी बिंदु पर स्थितिज उर्जा निकाय के सभी आवेशो की स्थितिज उर्जा बीज गणितीय योग के बराबर होती है  |  
 

एक समान विद्युत क्षेत्र में विद्युत द्विधुर्व को घुमाने में किया गया कार्य

एक समान विद्युत क्षेत्र में विद्युत द्विधुर्व को घुमाने में किया गया कार्य :- 

माना एक विद्युत द्विधुर्व AB जिसका विद्युत द्विधुर्व आघूर्ण  p है एक समान विद्युत क्षेत्र में चित्र अनुसार रखा है |

एक समान विद्युत क्षेत्र में विद्युत द्विधुर्व को घुमाने में किया गया कार्य

आवेशित चालक का विद्युत क्षेत्र एवं विद्युत विभव

#:- आवेशित चालक का विद्युत क्षेत्र एवं विद्युत विभव :- प्रत्येक चालक में मुक्त इलेक्ट्रान पाए जाते है|  जो चालक के अंदर नियमित व अनियमित गति करते रहते है|  इसलिए इनसे निम्न निष्कर्ष निकले जा सकते है  :-                                                                                                                                                          
1:- आवेशित चालक के अंदर प्रत्येक स्थान पर विद्युत विभव समान होता है |                                      
 2:- स्ठेथिक स्थिति में आवेशित चालक का सम्पूर्ण आवेश केवल उसके पृष्ट पर वितरित रहता है |           
 3:- आवेशित चालक के अंदर प्रत्येक पृष्ट पर विद्युत क्शीत्र की दिशा अभिल्म्बव्त बाहर की ओर होती है |
4:- प्रत्येक चालक के अंदर विद्युत क्षेत्र की तीर्वता शून्य होती  है|                                                              
 
………………….THE END ………………….. 
the end

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