Excellent Shiksha Class-10th,मानव नेत्र और रंग बिरंगा संसार Class 10th Science Chapter-11 मानव नेत्र और रंग बिरंगा संसार part – 02

Class 10th Science Chapter-11 मानव नेत्र और रंग बिरंगा संसार part – 02


Class 10th Science Chapter-11 मानव नेत्र और रंग बिरंगा संसार part - 02

Class 10th Science Chapter-11 मानव नेत्र और रंग बिरंगा संसार part – 02 मानव नेत्र और रंग बिरंगा संसार  का ही एक अहम् भाग है | अगर आप इस इकाई अथवा पाठ को अच्छे से अध्ययन करना चाहते है तो हम आपसे यही अनुरोध करते है कि आप इस बहुत बड़ी इकाई को छोटे छोटे part में पढ़े | यही वजह है कि हम आपको यहाँ पर part वाइज नोट्स Provide के रहे है | इस part में जो भी महत्वपूर्ण हैडिंग है उन्हें जरूर याद करे | क्यूंकि ये ही आपको अच्छे मार्क्स प्राप्त करने में मदद करेंगी |

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What We Learn In This Part

इस भाग में हम बोर्ड में पूछे गये कम से कम 3 से 5 मार्क्स का अध्ययन करेंगे | अत: आप इन्हें ध्यान से पढ़े | अगर आप कुछ समस्या महसूस करते है तो आप हमे सम्पर्क कर सकते हो और आप Ask Question पर क्लिक करके प्रश भी पूछ सतके हो  | हम आपसे ये गुजारिश करते है कि आप इन महत्व पूर्ण हैडिंग को अवस्य याद करेंगे  | क्यूंकि ये वो सभी हैडिंग है जो पिछले बहुत सालो के पेपर में रिपीट हुई है | अगर आप इन्हें याद करके एग्जाम में बैठते है तो आप 90 % से अधिक अंक हासिल कर सकते है |

Class 10th Science Chapter-11 मानव नेत्र और रंग बिरंगा संसार part – 02 में महत्वपूर्ण  Headings इन्हें अच्छे से याद करे | ये आपको अच्छे अंक दिलाने में मदद करेगी : 

  1. प्रिज्म और प्रिज्म कोण
  2. प्रिज्म से प्रकाश का अपवर्तन
  3. कांच के प्रिज्म द्वारा श्वेत प्रकाश का विक्षेपण
  4. प्रकाश के अपवर्तन के सामान्य उदहारण
  5. प्रकाश का प्रकीर्णन और सामान्य उदाहराण
Class 10th Science Chapter-11 मानव नेत्र और रंग बिरंगा संसार part - 02

प्रिज्म और प्रिज्म कोण

प्रिज्म :- किसी समांगी पारदर्शी माध्यम का वह भाग जो किसी कोण पर झुके हुए दो समतल पृष्ठों के बीच होता है प्रिज्म कहलाता है |

प्रिज्म और प्रिज्म कोण

प्रिज्म कोण : प्रिज्म के जिन पृष्ठों से प्रकाश का अपवर्तन होता है उन पृष्ठों को अपवर्तन पृष्ट तथा अपवर्तक पृष्ठों के बीच के कोण को प्रिज्म कोण कहते है |

प्रिज्म से प्रकाश का अपवर्तन

प्रिज्म से प्रकाश का अपवर्तन :- माना ABC कांच के एक प्रिज्म का मुख परिच्छेद है जिस पर चित्रानुसार प्रकाश की किरण प्रिज्म के उपर पडती है और चित्र के अनुसार आगे बढती है |

इस प्रकार यह अपने मार्ग से विचलित हो जाती है और जिस कोण पर यह अपने मार्ग से विचलित होती है उसे विचलन कोण कहते है, इसे डेल्टा से प्रदर्शित करते है | 

प्रिज्म से प्रकाश का अपवर्तन

जब विचलन कोण का मान बहुत कम होता है तब प्रिज्म का अपवर्तनांक –

प्रिज्म का अपवर्तनांक का सूत्र

जहाँ A प्रिज्म का कोण है और δ (डेल्टा)  विचलन कोण है  | 
यदि कोण बहुत छोटा है तब : 

प्रिज्म का अपवर्तनांक जब कोण बहुत छोटा हो

कांच के प्रिज्म द्वारा श्वेत प्रकाश का विक्षेपण

कांच के प्रिज्म द्वारा श्वेत प्रकाश का विक्षेपण : श्वेत प्रकाश का अपने अवयवी रंगो की प्रकाश की किरणों में विभाजित होना प्रकाश का वर्ण विक्षेपण कहलाता है | 

इस में समान्यत: सात रंग प्राप्त होते है | जिन्हें VIBGYOR से याद रखते है –

कांच के प्रिज्म द्वारा श्वेत प्रकाश का विक्षेपण

Note : VIBGYOR stands for the colors Violet, Indigo, Blue, Green, Yellow, Orange, and Red. These colors are the components of white light.

  • V – Violet
  • I – Indigo
  • B – Blue
  • G – Green
  • Y – Yellow
  • O – Orange
  • R – Red

इनकी तरंग धैर्य निम्न होती है 

स्वेत प्रकाश में से निकलने वाले सभी रंगो का तरंग धैर्य

प्रकाश के अपवर्तन के सामान्य उदहारण

प्रकाश के अपवर्तन के सामान्य उदहारण :- प्रकाश के अपवर्तन के बहुत सारे उदाहरन आम जिन्दगी में देखे जा सकते है | जिनमे से कुछ निम्न प्रकार : 

  1. तारो का टीम- टिमाना |
  2. वास्तविक सूर्योदय से पूर्व या वास्तविक सूर्यास्त के बाद सूर्य -दिखाई देता है |
  3. पानी में प-डी छड मुड़ी हुई प्रतीत होती है | आदि

नोट : तारे का टिमटिमाना का मुख्य कारण क्या होता है?
 उत्तर :  तारों का टिमटिमाना वायुमंडलीय प्रकाश के अपवर्तन के कारण होता है। यह इसलिए होता है क्योंकि कुछ प्रकाश किरणें सीधे हमें पहुँचती हैं और कुछ किरणें हमसे दूर होकर बंकन करती हैं। इस तेजी से बदलते प्रकाश का परिणाम है कि हमें टिमटिमाहट का अनुभव होता है।

नोट : वास्तविक सूर्योदय से पूर्व या वास्तविक सूर्यास्त के बाद सूर्य -दिखाई देता है | क्यों ? 
उत्तर :वास्तविक सूर्योदय से पूर्व या वास्तविक सूर्यास्त के बाद सूर्य -दिखाई देता है |  ऐसा वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण होता है। जब सूर्य क्षितिज से थोड़ा नीचे होता है, तो उससे आने वाला प्रकाश कम सघनता से अधिक सघनता की ओर जाता है और नीचे की ओर अपवर्तित हो जाता है। इस प्रकार, सूर्य उगता हुआ प्रतीत होता है और वास्तविक सूर्योदय से 2 मिनट पहले और वास्तविक सूर्यास्त के 2 मिनट बाद तक देखा जा सकता है।

प्रकाश का प्रकीर्णन और सामान्य उदाहराण

प्रकाश का प्रकीर्णन :- माध्यम के कणों के द्वारा प्रकाश उर्जा को अवशोषित कर अन्य दिशाओ में पुन: विकरित करने की प्रक्रिया को प्रकाश का प्रकीर्णन कहते है 1

नोट : सबसे कम प्रकाश का प्रकीर्णन लाल रंग का होता है और सबसे अधिक बैंगनी रंग का | 

प्रकाश के प्रकीर्णन के सामान्य उदाहराण :- इसके सामान्य उदाहरण निम्नलिखित है : 

  1. प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण ही हमे आकाश का रंग नीला दिखाई देता है |
  2. खतरे का सिग्नल लाल रंग का इसलिए बनाया जाता है क्योंकि लाल रंग का प्रकीर्णन बहुत कम होता है |
  3.  बदलो का रंग श्वेत प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण होता है |

टिंडल प्रभाव :- जब प्रकाश किरण पुंज किसी ऐसे माध्यम से होकर गुजरता है जिसमे धुल के निलंबित कण तथा वायु के अणुओ का विषमांगी मिश्रण हो तो इन सूक्ष्म कणों से प्रकाश के कण टकराकर विभिन्न दिशा में विकरित हो जाते है और ये कण दिखाई देते है | प्रकाश की यह घटना टिंडल प्रभाव कहलाती है |

The End

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