Excellent Shiksha class - 12th,विद्युत रसायन Class 12th Chemistry Chapter 2 विद्युत रसायन part 1

Class 12th Chemistry Chapter 2 विद्युत रसायन part 1


Class 12th Chemistry Chapter 2 विद्युत रसायन part 1

Class 12th Chemistry Chapter 2 विद्युत रसायन part 1 विद्युत रसायन का ही एक अहम् भाग है | अगर आप इस इकाई अथवा पाठ को अच्छे से अध्ययन करना चाहते है तो हम आपसे यही अनुरोध करते है कि आप इस बहुत बड़ी इकाई को छोटे छोटे part में पढ़े | यही वजह है कि हम आपको यहाँ पर part वाइज नोट्स Provide कर रहे है | इस part में जो भी महत्वपूर्ण हैडिंग है उन्हें जरूर याद करे | क्यूंकि ये ही आपको अच्छे मार्क्स प्राप्त करने में मदद करेंगी |

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Class 12th Chemistry Chapter 2 विद्युत रसायन part 1

इस भाग में हम बोर्ड में पूछे गये कम से कम 3 से 5 मार्क्स का अध्ययन करेंगे | अत: आप इन्हें ध्यान से पढ़े | अगर आप कुछ समस्या महसूस करते है तो आप हमे सम्पर्क कर सकते हो और आप Ask Question पर क्लिक करके प्रश्न भी पूछ सतके हो | हम आपसे ये गुजारिश करते है कि आप इन महत्वपूर्ण हैडिंग को अवस्य याद करेंगे  | क्यूंकि ये वो सभी हैडिंग है जो पिछले बहुत सालो के पेपर में रिपीट हुई है | अगर आप इन्हें याद करके एग्जाम में बैठते है तो आप 90 % से अधिक अंक हासिल कर सकते है |

Class 12th Chemistry Chapter 2 विद्युत रसायन part 1 में महत्वपूर्ण  Headings निम्नलिखित है | इन्हें अच्छे से याद करे | ये आपको अच्छे अंक दिलाने में मदद करेगी: 

  1. विद्युत रसायन और इलेक्ट्रोड व इसके प्रकार
  2. इलेक्ट्रोड विभव और इलेक्ट्रोड विभव को प्रभावित करने वाले कारक
  3. मानक इलेक्ट्रोड विभव और इलेक्ट्रोड विभव की चिन्ह परिपाटी
  4. विद्युत सेल और इसके प्रकार
  5. विद्युत अपघटनी सेल और इसमें होने वाली अभिक्रियाएँ
  6. विद्युत् रासायनिक सेल और डेनियल सेल व लवण सेतु
  7. सेल का विद्युत् विभव अथवा वाहक बल और प्रदर्शित करना
  8. मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड
Class 12th Chemistry Chapter 2 विद्युत रसायन part 1

क्या जरूर्री है क्या नही  :-अच्छे से अच्छे अंक लाने के  लिए आपको बेहतर नोट्स एंड बेहतर क्लास लेनी चाहिये जो आपको बिलकुल फ्री में हम यहाँ पर दे रहे है |

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विद्युत रसायन और इलेक्ट्रोड व इसके प्रकार

विद्युत रसायन :- रसायन विज्ञान की वह शाखा जिसमे विद्युत धारा द्वारा होने वाले रासायनिक परिवर्तनों एवं रासायनिक अभिक्रियाओ द्वारा उत्पन्न होने वाली विद्युत का अध्ययन किया जाता है,  विद्युत रसायन  कहलाती है|

इलेक्ट्रोड :- जब किसी धातु की छड को उसी धातु के किसी लवण के विलयन में डुबोया जाता है , तो धातु पर ऋण आवेश या धन आवेश आ  जाता है|  अत: विलयन में समान मात्रा में विपरीत आवेश आ जाते है| 

इस प्रकार की छडो को इलेक्ट्रोड  कहते है | प्रत्येक सेल में इसी प्रकार के दो इलेक्ट्रोड होते है |  जिनमे से एक को एनोड तथा दुसरे को कैथोड कहते है| 

इलेक्ट्रोड के प्रकार :- इलेक्ट्रोड निम्न प्रकार के होते है :- 
1:- धातु – धातु आयन इलेक्ट्रोड   2 :- गैस इलेक्ट्रोड   3:- धातु अविलय धातु इलेक्ट्रोड  4:- ऑक्सीकरण और अपचयन इलेक्ट्रोड

इनके बारे में हम अगली क्लास में पढ़ेंगे औए समझने के लिए विडियो में देखे | 

इलेक्ट्रोड विभव और इलेक्ट्रोड विभव को प्रभावित करने वाले कारक

इलेक्ट्रोड विभव :- जब किसी धातु की छड को उसी धातु के किसी लवण के विलयन में डुबोया जाता है,  तो धातु पर ऋण आवेश या धन आवेश आ जाता है |  अत:  विलयन में समान मात्रा में विपरीत आवेश आ जाते है | 

इस प्रकार की छडो को इलेक्ट्रोड कहते है , और इस छड के सिरों के मध्य उत्पन्न विभव को इलेक्ट्रोड विभव कहते है | 

इलेक्ट्रोड विभव को प्रभावित करने वाले कारक :- यह निम्न कारको पर निर्भर करता है –
1:- चालक की प्रक्रति पर :- जिस इलेक्ट्रोड की चालकता अधिक होती है |  वह उतना ही अधिक इलेक्ट्रोड विभव उत्पन्न करता है | 

2:- विलयन में धातु की सांद्रता पर :- सांद्रता बढ़ाने पर इलेक्ट्रोड विभव घटता है , क्योंकि सांद्रता बढ़ाने पर आयनन घटता है |  जिसके फलस्वरूप चालकता घट जाती है| 

3:- तापमान :– तापमान बढ़ाने पर इलेक्ट्रोड विभव बढ़ जाता है,  क्योंकि तापमान के बढने पर आयनन बढ़ जाता है | जिसके फलस्वरूप चालकता बढ़ जाती है | 

मानक इलेक्ट्रोड विभव और इलेक्ट्रोड विभव की चिन्ह परिपाटी

मानक इलेक्ट्रोड विभव :- जब किसी धातु की छड को उसी धातु के किसी लवण के एक मोलर सांद्रता के विलयन में 25 डिग्री तापमान पर डुबोया जाता है ,  तो इस अवस्था पर धातु और विलयन के मध्य उत्पन्न विभव के अंतर को उस धातु इलेक्ट्रोड का मानक इलेक्ट्रोड विभव  कहते है | 

इलेक्ट्रोड विभव की चिन्ह परिपाटी :- किसी इलेक्ट्रोड के लिए उसकी ठोस प्रवस्था तथा विद्युत अपघट्य दोनों परस्पर सम्य अवस्था में रहते है | इसे निम्न समीकरण द्वारा दर्शाया जा सकता है – 
M (s) <—————-> Mn+ (aq) + ne – 
 
इस समीकरण में प्रयोगों द्वारा देखा गया की एनोड़ व कैथोड सतह पर होने वाली अभिक्रिया पर निर्भर करते है |  यदि सतह पर ऑक्सीकरण होता है तो यह एनोड होता है और यदि अपचयन तो यह कैथोड  | 

विद्युत सेल और इसके प्रकार

 
सेल :- एक विद्युत  रासायनिक युक्ति  जिसके द्वारा विद्युत उर्जा  को रासायनिक उर्जा में तथा रासायनिक उर्जा को विद्युत में  परिवर्तित किया जाता है , सेल  कहलाती है | 
 
विद्युत अपघटनी सेल :- एक रासायनिक युक्ति या साधन जिसके द्वारा विद्युत उर्जा को रासायनिक उर्जा में परिवर्तित किया जाता है,  विद्युत अपघटनी  सेल कहलाती है |
 
विद्युत रासायनिक सेल :- एक रासायनिक युक्ति या साधन जिसके द्वारा रासायनिक उर्जा को विद्युत उर्जा  में परिवर्तित किया जाता है , विद्युत रासायनिक सेल  कहलाती है |
 
इस प्रकार की सेलो का अविष्कार सर्वप्रथम गैल्वनी और वोल्टा ने मिलकर किया था | इसलिए इस सेल को गैल्वनिक सेल या वोल्टीय सेल भी कहते है | चूँकि यह सेल ऑक्सीकरण अपचयन अर्थात रेड़ोक्स अभिक्रिया  पर आधारित है |  इसलिए इसे रेडोक्स  सेल भी कहते है | 

विद्युत अपघटनी सेल और इसमें होने वाली अभिक्रियाएँ

विद्युत अपघटनी सेल :- जिस सेल में बाह्य श्रोत से विद्युत अपघट्य के विलयन में विद्युत उर्जा देने पर ऑक्सीकरण और अपचयन अभिक्रिया होती है अर्थात रेडोक्स अभिक्रिया होती है |  उसे विद्युत अपघटनी सेल  कहते है |  इस प्रकार के सेलो में विद्युत अपघट्य का विद्युत अपघटन कराया जता है |
 
इस प्रकार के सेलो में एक पात्र में दो धातु इलेक्ट्रोड लगे रहते है |  विद्युत अपघट्य के जलीय विलयन में विभव के लिए बाह्य श्रोत प्रयुक्त करते है | जिसके द्वारा इसमें धारा प्रवाहित होती है |
 
इस सेल में जिस इलेक्ट्रोड की और से विद्युत धारा का प्रवेश होता है उसे एनोड  कहते है और जिस एल्क्ट्रोड़े की ओर निष्काशन होता है उसे कैथोड  कहते है |

 

CLASS 12TH CHEMISTRY विद्युत् रसायन PART -01

 
विद्युत अपघट्य के विलयन में दुबे हुए इलेक्ट्रोड के मध्य श्रोत से विभवान्तर लगाने पर,  विद्युत अपघट्य के आयन विपरीत आवेशित इलेक्ट्रोड की ओर अनुगमन करने लगते है |                                                     
विद्युत् सेल में निम्नलिखित अभ्क्रिया होती है –                                                                                                   
ZnCl2 (aq) ———–> Zn 2+  + 2 Cl – 
 एनोड  पर अभिक्रिया :-  2Cl-  —————-> Cl2 + 2 e  (ऑक्सीकरण )
कैथोड  पर अभिक्रिया :-  Zn 2+  +  2e  —-> Zn     (अपचयन )

विद्युत् रासायनिक सेल और डेनियल सेल व लवण सेतु

विद्युत रासायनिक सेल :- ये दो प्रकार के होते है –
1) रासायनिक सेल      2) असंद्र्ता सेल              
 इस अध्याय में हम केवल रासायनिक सेल के बारे में ही अध्ययन करेंगे  जैसे –  डेनियल सेल           
डेनियल सेल :- यह एक प्रारूपिक गैल्वानिक सेल है | जो रसायनिक उर्जा को विद्युत उर्जा में परिवर्तित करता है | इस सेल में दो पात्र होते है | इनमे से एक में कॉपर सल्फेट के संदर जलीय विलयन से भरा होता है , जिसमे कॉपर की छड डूबी रहती है | 
 
दुसरे पात्र में जिंक सल्फेट का जलीय विलयन भरा रहता है | जिसमे एक जिंक की छड डूबी रहती है | दोनों विलयनो का सम्पर्क एक लवण सेतु जैसे पोटेसीयम सल्फेट की U नली  की सहायता  रहता  है |
 
Class 12th Chemistry Chapter 2 विद्युत रसायन part 1
 
डेनियल  सेल में निम्न अभिक्रिया  होती है –
 
 Zn ————-> Zn2+  + 2e   ( ऑक्सीकरण 
Cu2+  + 2e  ——————–> Cu  ( अपचयन )

सेल का विद्युत् विभव अथवा वाहक बल और प्रदर्शित करना

सेल का विद्युत विभव अथवा विद्युत वाहक बल :- किसी भी सेल का विद्युत वाहक बल अथवा विभव उसके अलग अलग इलेक्ट्रोड के विभव के अंतर के समान होता है |
अर्थात –
E (सेल )= E (कैथोड ) – E (एनोड)
सेल को प्रदर्शित करना :- किसी भी सेल को प्रदर्शित करने के लिए उसके ऑक्सीकरण और अपचयन भाग की आवस्यकता होती है , और फिर इसको निम्न प्रकार से प्रदर्शित करते है –
ऑक्सीकरण भाग II अपचयन भाग
जैसे :- 
Zn और Cu से बनी सेल को निम्न प्रकार से प्रदर्शित करते है
Zn/ZnSO4 //CuSO4/Cu
अथवा  Zn/Zn2+ // Cu2+ / Cu

मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड

मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड :- मानक हाइड्रोजन एलेक्ट्रोड़ में एक प्लेटिनम का इलेक्ट्रोड होता है |  जिसके ऊपर प्लेटिनम ब्लेक की परत चढ़ी होती है | इसके निर्माण हेतु प्लेटिनम धातु की एक पतली प्लेट को लेकर क्लोरो प्लेटिनम अम्ल में रखते है | फिर उसमे विद्युत् धारा को प्रवाहित करते है | जिसके फलस्वरूप उसके उपर प्लेटिनम ब्लेक की परत चढ़ जाती है |

the end

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