Excellent Shiksha class - 12th,ठोस अवस्था Class 12th Chemistry Chapter-01 (ठोस अवस्था) part -01

Class 12th Chemistry Chapter-01 (ठोस अवस्था) part -01


Class 12th Chemistry Chapter-01 (ठोस अवस्था) part -01

Class 12th Chemistry Chapter-01 ठोस अवस्था part – 01 ठोस अवस्था का ही एक अहम् भाग है | अगर आप इस इकाई अथवा पाठ को अच्छे से अध्ययन करना चाहते है तो हम आपसे यही अनुरोध करते है कि आप इस बहुत बड़ी इकाई को छोटे छोटे part में पढ़े | यही वजह है कि हम आपको यहाँ पर part वाइज नोट्स Provide कर रहे है | इस part में जो भी महत्वपूर्ण हैडिंग है उन्हें जरूर याद करे | क्यूंकि ये ही आपको अच्छे मार्क्स प्राप्त करने में मदद करेंगी |

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What We Learn In This Part

इस भाग में हम बोर्ड में पूछे गये कम से कम 3 से 5 मार्क्स का अध्ययन करेंगे | अत: आप इन्हें ध्यान से पढ़े | अगर आप कुछ समस्या महसूस करते है तो आप हमे सम्पर्क कर सकते हो और आप Ask Question पर क्लिक करके प्रश्न भी पूछ सतके हो | हम आपसे ये गुजारिश करते है कि आप इन महत्वपूर्ण हैडिंग को अवस्य याद करेंगे  | क्यूंकि ये वो सभी हैडिंग है जो पिछले बहुत सालो के पेपर में रिपीट हुई है | अगर आप इन्हें याद करके एग्जाम में बैठते है तो आप 90 % से अधिक अंक हासिल कर सकते है |

Class 12th Chemistry Chapter-01 ठोस अवस्था part – 01 में महत्वपूर्ण  Headings निम्नलिखित है | इन्हें अच्छे से याद करे | ये आपको अच्छे अंक दिलाने में मदद करेगी: 

  1. अंतरआणविक बल और ठोस अवस्था 
  2. ठोस दृढ क्यों होते है 
  3. तरल व अक्रिष्ट्लीय ठोस और क्रिष्ट्लीय ठोस
  4. आयनिक और सहसंयोजक  ठोस
  5. आणविक, धात्विक ठोस और हाइड्रोजन आबन्धित ठोस 
  6. समदैषिक एवंम विषम दैषिक गुण और त्रिविम जालक
Class 12th Chemistry Chapter-01 (ठोस अवस्था) part -01

अंतरआणविक बल और ठोस अवस्था

पदार्थ की अवस्था:- सामान्य पदार्थ तीन अवस्था में पाया जाता है ठोस अवस्था ,द्रव  और गैस अवस्था में |
 
सामान्यता अवस्था दो विरोधी कारकों पर निर्भर करती है :- एक अंतर आणविक बल पर और दूसरा उष्मीय ऊर्जा पर 
 
नोट – अंतर आणविक बल सदैव पदार्थ के परमाणुओं को पास-पास लाने का कार्य करता है जबकि ऊष्मीय ऊर्जा परमाणुओं को दूर दूर ले जाने का कार्य करती है 1 
 
ठोस अवस्था:- कोई वास्तविक ठोस वह पदार्थ होते हैं जो दृढ हो और जिसका आकार आयतन निश्चित हो और जिसमें अवयवी कण  दीर्घ परास में नियमित पैटर्न में व्यवस्थित हो |

ठोस दृढ क्यों होते है?

ठोस अवस्था के सामान्य अभिलक्षण:- इनमें निम्नलिखित अभी लक्षण पाए जाते हैं 
 
  1. इनका आकार व आयतन निश्चित होता है | 
  2. इनमे अंतर आणविक दूरी कम होती है |
  3. इनमें अवयवी कणों की स्थिति निश्चित होती है तथा केवल अपनी मध्य स्थिति के चारों ओर केवल कंपन कर सकते हैं परंतु इधर-उधर गति नहीं कर सकते इसलिए दृढ होते हैं | 
  4. यह दृढ़ एवं असमपिंडिय होते हैं|
  5. इनका घनत्व अधिक होता है |

तरल व अक्रिष्ट्लीय ठोस और क्रिष्ट्लीय ठोस

तरल:- वे पदार्थ जिन में बहने का गुण पाए जाता हैं तरल पदार्थ कहलाते हैं 1 जैसे गैस और द्रव |
 
ठोसो के प्रकार:- सामान्यतः ठोस दो प्रकार के होते है  अक्रिस्टलीय और क्रिस्टलीय |
 
1)-अक्रिस्टलीय :- वे ठोस पदार्थ जिनमें अवयवी कणों की नियमित व्यवस्था नहीं होती है अथवा नियमित व्यवस्था लघु होती है अक्रिस्टलीय ठोस कहलाते हैं |
 
2)-क्रिस्टलीय ठोस :वे ठोस पदार्थ जिनमें अवयवी कणों की नियमित व्यवस्था होती है अथवा नियमित व्यवस्था दीर्घ  होती है अक्रिस्टलीय ठोस कहलाते हैं | 
 

आयनिक और सहसंयोजक ठोस

क्रिस्टलीय ठोस के प्रकार:-यह चार प्रकार के होते हैं :-  
1)- आयनिक ठोस     2)- सह संयोजक ठोस     3)- आणविक ठोस       4)-धात्विक ठोस 

1)- आयनिक ठोस:- इस प्रकार के ठोसो में आयन पाए जाते हैं जो सामान्यतः धनायन व ऋण आयन होते हैं यह प्रबल विद्युत आकर्षण बल के द्वारा जुड़े रहते हैं इसी कारण इनका गलनांक तथा क्वथनांक अधिक होता है |

नोट :- आयनिक ठोस अवस्था में विद्युत का कुचालक होते हैं जबकि गलित अवस्था में सुचालक होते हैं क्योंकि ठोस अवस्था में इनमें मुक्त आयन नहीं होते जबकि गलित  अवस्था में मुक्त आयन होते हैं जो आदेश वाहक का गमन करते हैं | 
जैसे:-NaCl,KBr,NaOH,CaF2 MgO,CaCl2 आदि |

नोट:- सोडियम क्लोराइड क्रिस्टल घनाकार होता है इसमें Na+ व् Cl- की उपसहसयोजन संख्या 6 होती है |

2)- सह संयोजक ठोस:-इन्हें नेटवर्क ठोस के नाम से भी जाना जाता है यह ठोस उदासीन परमाणुओं से मिलकर बने होते हैं जो एक दूसरे से सह्सयोजी आबंध द्वारा जुडे रहते हैं | यह सामान्य ताप पर विद्युत के कुचालक होते हैं |
जैसे:- हिरा ग्रेफाइट सिलिकॉन कार्बाइड बोराजऑन आदि |

नोट:- ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक होता है जबकि हीरा नहीं क्योंकि ग्रेफाइट की संरचना में एक कार्बन परमाणु की तीन संयोजकताए अन्य कार्बन परमाणु के साथ जुड़ी रहती हैं और एक शेष रह जाती है जो मुक्त आयन का काम करती है ग्रेफाइट की एक और विशेषता होती है यह अच्छे स्नेहक की तरह कार्य करता है क्योंकि इसकी संरचना परतदार होती है जो एक दूसरे के ऊपर आसानी से फिसलती रहती हैं |

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आणविक, धात्विक और हाइड्रोजन आबन्धित ठोस

 3)- आणविक ठोस :-यह तो सामान्यत है अणुओं से मिलकर बने होते हैं उनके मध्य कोई भी आबंध नहीं होता है |

इन्हें सामान्य तीन भागों में बांटा गया है:-

1)-अध्रुवीय आणविक ठोस 2)-ध्रुवीय आणविक ठोस 3)- हाइड्रोजन आबंधित ठोस |

a )-अध्रुवीय आणविक ठोस:- इस प्रकार के ठोसो में अवयवी कण उदासीन परमाणु होते हैं ये विद्युत के कुचालक होते हैं-
जैसे-H2 ,Cl2, I2 , He ,Au आदि |

b)-ध्रुवीय आणविक ठोस :- इस प्रकार के ठोसो में अवयवी कण सह सयोंजी आबंध द्वारा जुड़े रहते हैं1 ये भी विद्युत के कुचालक होते हैं- 
जैसे:-HCl, ठोस SO2,ठोस NH3 आदि |

c )- हाइड्रोजन आबंधित ठोस :-इस प्रकार के ठोसो में अवयवी कण सह सयोंजी आबंध द्वारा जुड़े रहते हैं1 ये भी विद्युत के कुचालक होते हैं यह केवल तब बनते हैं जब हाइड्रोजन अधिक विद्युत ऋणआत्मक तत्वों के साथ जुड़ता है जैसे फ्लोरीन ऑक्सीजन और नाइट्रोजन आदि इसके सामान्य उदाहरण अमोनिया(NH3),जल(H2O) और हाइड्रोजन फलोराइड(HF) है |

4)धात्विक ठोस :- ये ठोस धातु परमाणु से मिलकर बने होते हैं इनके अंदर सामान्यत: धात्विक चमक ,विद्युत और ऊष्मा की चालकता, तन्यता और आघातवर्धनीयता जैसे गुण पाए जाते हैं |जैसे:- लोहा, तांबा, टीन ,सोना आदि धात्विक ठोस होते हैं

समदैषिक एवंम विषम दैषिक गुण और त्रिविम जालक

समदैषिक गुण :- क्रिष्ट्लीय ठोसो में कुछ गुण जैसे – विद्युत चालकता , अपवर्तनाक , उष्मीय प्रसार आदि सभी दिशाओ में समान होते है इन पदार्थो का यह गुण समदैषिक गुण कहलाता है |

विषम दैषिक गुण :क्रिष्ट्लीय ठोसो में कुछ गुण जैसे –– विद्युत चालकता , अपवर्तनाक , उष्मीय प्रसार आदि सभी दिशाओ में असमान होते है इन पदार्थो का यह गुण विसमदैषिक गुण कहलाता है |

त्रिविम जालक : इसे   क्रिष्ट्ल जालक के नाम से भी जाना जाता है  अर्थात क्रिष्ट्ल की ज्यमिति दर्शाने के लिए आकाश में परमाणुओं आयनों अथवा अणुओ की जो नियमित पुनरावर्ती होती है उसे त्रिविम जालक कहते है | 

  नोट:- कुल 14 त्रिविम जालक संभव होते है इन्हें ब्रेवे जालक कहते है | 

Important Questions From Here

प्रश्न 1.ठोस कठोर क्यों होते हैं?
उत्तर:-ठोस कठोर होते हैं, क्योंकि इनके अवयवी कण अत्यन्त निविड संकुलित होते हैं। इनमें कोई स्थानान्तरीय गति नहीं होती है तथा ये केवल अपनी माध्य स्थिति के चारों ओर कम्पन कर सकते हैं।

प्रश्न 2.ठोसों का आयतन निश्चित क्यों होता है?
उत्तर:-ठोस के अवयवी कणों की स्थिति नियत होती है तथा वे गति के लिए स्वतन्त्र नहीं होते हैं। इसलिए इनका आयतन निश्चित होता है।

प्रश्न 3.निम्नलिखित को अक्रिस्टलीय तथा क्रिस्टलीय ठोसों में वर्गीकृत कीजिए पॉलियूरिथेन, नैफ्थेलीन, बेन्जोइक अम्ल, टेफ्लॉन, पोटैशियम नाइट्रेट, सेलोफेन, पॉलिवाइर्निल क्लोराइड, रेशा काँच, ताँबा।
उत्तर:-अक्रिस्टलीय ठोस – पॉलियूरिथेन, फ्लॉन, सेलोफेन, पॉलिवाइनिल, क्लोराइड, रेशा काँच।
क्रिस्टलीय ठोस – नैफ्थेलीन, बेन्जोइक अम्ल, पोटैशियम नाइट्रेट, ताँबा।

प्रश्न 4.काँच को अतिशीतित द्रव क्यों माना जाता है?
उत्तर:-क्योंकि यह ठोस होते हुए भी द्रवों के कुछ गुण प्रदर्शित करता है। द्रवों के समान इसमें प्रवाहित होने का गुण होता है। इसका यह गुण पुरानी इमारतों के काँच में देखा जा (UPBoardSolutions.com) सकता है जो तली पर कुछ मोटा होता है। यह केवल तभी सम्भव है जबकि यह अत्यन्त मन्द गति से द्रवों के समान प्रवाहित हो।

प्रश्न 5.एक ठोस के अपवर्तनांक का मान सभी दिशाओं में समान प्रेक्षित होता है। इस ठोस की प्रकृति पर टिप्पणी कीजिए। क्या यह विदलन गुण प्रदर्शित करेगा?
उत्तर:-चूँकि ठोस के अपवर्तनांक का मान सभी दिशाओं में समान है। अत: यह समदेशिक प्रकृति का है। अतः यह अक्रिस्टलीय ठोस है। यह स्वच्छ विदलने गुण प्रदर्शित नहीं करेगा।

प्रश्न 6.उपस्थित अन्तराआण्विक बलों की प्रकृति के आधार पर निम्नलिखित ठोसों को विभिन्न संवर्गों में वर्गीकृत कीजिए-पोटैशियम सल्फेट, टिन, बेंजीन, यूरिया, अमोनिया, जल, जिंक सल्फाइड, ग्रेफाइट, रूबिडियम, आर्गन, सिलिकन कार्बाइड।
उत्तर:-पोटैशियम सल्फेट = आयनिक, टिन = धात्विक, बेंजीन = आण्विक (अध्रुवीय), यूरिया = आण्विक (ध्रुवीय), अमोनिया = आण्विक (हाइड्रोजन आबन्धित), जल = आण्विक (हाइड्रोजन आबन्धित), जिंक सल्फाइड = आयनिक, ग्रेफाइट = सहसंयोजी, रूबिडियम = धात्विक, आर्गन = आण्विक (अध्रुवीय), सिलिकन कार्बाइड = सहसंयोजी या नेटवर्क।

प्रश्न 7.ठोस A, अत्यधिक कठोर तथा ठोस एवं गलित अवस्थाओं में विद्युतरोधी है और अत्यन्त उच्च दाब पर पिघलता है। यह किस प्रकार का ठोस है?
उत्तर:-सहसंयोजी अथवा नेटवर्क ठोस, जैसे- SiC

प्रश्न 8.आयनिक ठोस गलित अवस्था में विद्युत चालक होते हैं, परन्तु ठोस अवस्था में नहीं। व्याख्या कीजिए।
उत्तर:-गलित अवस्था में आयनिक यौगिक वियोजित होकर मुक्त आयन देते हैं तथा विद्युत चालन करते हैं। ठोस अवस्था में आयन गति करने के लिए मुक्त नहीं होते हैं। अत: ये ठोस अवस्था में विद्युत चालन नहीं करते हैं।

प्रश्न 9.किस प्रकार के ठोस विद्युत चालक, आघातवर्थ्य और तन्य होते हैं?
उत्तर:-धात्विक ठोस।

the end

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