Excellent Shiksha class - 12th,ठोस अवस्था Class 12th Chemistry Chapter-01 (ठोस अवस्था) part -02

Class 12th Chemistry Chapter-01 (ठोस अवस्था) part -02


Class 12th Chemistry Chapter-01 (ठोस अवस्था) pa -02

Class 12th Chemistry Chapter-01 ठोस अवस्था part – 02 ठोस अवस्था का ही एक अहम् भाग है | अगर आप इस इकाई अथवा पाठ को अच्छे से अध्ययन करना चाहते है तो हम आपसे यही अनुरोध करते है कि आप इस बहुत बड़ी इकाई को छोटे छोटे part में पढ़े | यही वजह है कि हम आपको यहाँ पर part वाइज नोट्स Provide कर रहे है | इस part में जो भी महत्वपूर्ण हैडिंग है उन्हें जरूर याद करे | क्यूंकि ये ही आपको अच्छे मार्क्स प्राप्त करने में मदद करेंगी |

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What We Learn In This Part

इस भाग में हम बोर्ड में पूछे गये कम से कम 3 से 5 मार्क्स का अध्ययन करेंगे | अत: आप इन्हें ध्यान से पढ़े | अगर आप कुछ समस्या महसूस करते है तो आप हमे सम्पर्क कर सकते हो और आप Ask Question पर क्लिक करके प्रश्न भी पूछ सतके हो | हम आपसे ये गुजारिश करते है कि आप इन महत्वपूर्ण हैडिंग को अवस्य याद करेंगे  | क्यूंकि ये वो सभी हैडिंग है जो पिछले बहुत सालो के पेपर में रिपीट हुई है | अगर आप इन्हें याद करके एग्जाम में बैठते है तो आप 90 % से अधिक अंक हासिल कर सकते है |

Class 12th Chemistry Chapter-01 ठोस अवस्था part – 02 में महत्वपूर्ण  Headings निम्नलिखित है | इन्हें अच्छे से याद करे | ये आपको अच्छे अंक दिलाने में मदद करेगी: 

  1. क्रिष्ट्ल जालक के लक्ष्ण और एकक कोष्ठिका
  2. एकक कोष्ठिका के प्राचल और प्रकार
  3. आध एकक कोष्ठिका और केन्द्रित एकक कोष्ठिका
  4. फलक केन्द्रित एकक कोष्ठिका और अंत: केन्द्रित एकक कोष्ठिका
  5. अंत्यं केन्द्रित एकक कोष्ठिका
  6. एकक कोष्ठिका में अवयवी कणों की संख्या
  7. आध या सरल एकक कोष्ठिका में अवयवी कणों  की संख्या
  8. अंत: केन्द्रित एकक कोष्ठिका में अवयवी कणों की संख्या
Class 12th Chemistry Chapter-01 (ठोस अवस्था) pa -02

क्रिष्ट्ल जालक के लक्ष्ण और एकक कोष्ठिका

क्रिष्ट्ल जालक के लक्ष्ण :-इसके लक्ष्ण निम्नलिखित है –
  1. जालक में उपस्थित प्रत्येक बिंदु एक जालक बिंदु अथवा जालक स्थल कहलाता है |
  2. जालक में उपस्थित प्रत्येक बिंदु एक अवयवी कण को प्रदर्शित करता है |
  3. जालक बिन्दुओ को सीधी रेखा से जोड़ने पर जालक की ज्यमिति व्यक्त होती है |
एकक कोष्ठिका :-त्रिविम में किसी क्रिष्ट्ल का वह न्यूनतम अंश जिसको बार बार दोहराने पर दिए गये पदार्थ का क्रिष्ट्ल जालक बनता है , एकक कोष्ठिका कहलाती है |

एकक कोष्ठिका के प्राचल और प्रकार

एकक कोष्ठिका के प्राचल :-किसी भी कोष्ठिका को उसकी तीन  भुजाओ और भुजाओ के मध्य  कोणों के द्वारा प्रदर्शित करते है जो एकक कोष्ठिका के प्राचल कहलाते है |

एकक कोष्ठिका के प्राचल ,

एकक कोष्ठिका के प्रकार :- ये सामान्यत: दो  प्रकार की होती है:-

  1. आध एकक कोष्ठिका 
  2. केन्द्रित एकक कोष्ठिका

आध एकक कोष्ठिका और केन्द्रित एकक कोष्ठिका

1)-आध एकक  कोष्ठिका :– वह एकक कोष्ठिका जिसमे अवयवी कण केवल कोणों पर उपस्थित होते है आध एकक कोष्ठिका कहलाती है :-

आध एकक कोष्ठिका

2)-केन्द्रित एकक कोष्ठिका :-वह एकक कोष्ठिका जिसमे अवयवी कण कोनो पर उपस्थित होने के साथ साथ किसी केंद्र पर भी उपस्थित हो केन्द्रित एकक कोष्ठिका  कहलाती है | 

ये सामन्यत: तीन  प्रकार की होती है –

  1. फलक केन्द्रित एकक कोष्ठिका
  2. अंत: केन्द्रित एकक कोष्ठिका
  3. अंत्यं केन्द्रित एकक कोष्ठिका

फलक केन्द्रित व अंत: केन्द्रित और अंत्यं केन्द्रित एकक कोष्ठिका

अ) फलक केन्द्रित एकक कोष्ठिका :-इसमें अवयवी कण कोनो  पर उपस्थित होने के साथ साथ प्रत्येक फलक के  केंद्र पर भी उपस्थित हो ते है |  
फलक केन्द्रित एकक कोष्ठिका
 
ब) अंत: केन्द्रित एकक कोष्ठिका:–इसमें अवयवी कण कोनो  पर उपस्थित होने के साथ साथ   केंद्र पर भी उपस्थित हो ते है|

अंत: केन्द्रित एकक कोष्ठिका
 
स):-अंत्यं केन्द्रित एकक कोष्ठिका:–इसमें अवयवी कण कोनो  पर उपस्थित होने के साथ साथ किन्ही दो सम्मुख  फलक के  केंद्र पर भी उपस्थित हो ते है |

अंत्यं केन्द्रित एकक कोष्ठिका,

एकक कोष्ठिका में अवयवी कणों की संख्या

एकक कोष्ठिका में अवयवी कणों की संख्या :-  इसे ज्ञात करने के लिए कणों का योगदान कितना होता है यह जानना भुत जरूरी होता है –
कानो का योगदान :-

  1. जब कण कोने पर होता है तो वह 1/8 योगदान देता है |
  2. जब कण फलक पर होता है तो वह 1/2  योगदान देता है | 
  3. जब कण केंद्र पर होता है तो वह 1 योगदान देता है |

आध या सरल और अंत: केन्द्रित कोष्ठिका में अवयवी कणों  की संख्या

आध या सरल एकक कोष्ठिका में अवयवी कणों  की संख्या :-  इस प्रकार की कोष्ठिका में कण केवल कोणों पर होते है इसलिए कुल कण       = कणों का योगदान * कणों की संख्या 
                                 = (1/8) * 8 
                                 =  1

अंत: केन्द्रित एकक कोष्ठिका में अवयवी कणों की संख्या :-  इस प्रकार की कोष्ठिका में अवयवी कण कोणों के साथ साथ केंद्र पर भी होते है 
इसलिए कुल कण = कोणों पर + केंद्र पर 
                          = (1/8)*8  + 1 
                          = 1+1 
                          = 2 

फलक केन्द्रित और अन्त्य कोष्ठिका में अवयवी कणों की संख्या

फलक केन्द्रित एकक कोष्ठिका में अवयवी कणों की संख्या :-  इस प्रकार की कोष्ठिका में अवयवी कण कोणों के साथ साथ फलक के केंद्र पर भी होते है 
इसलिए कुल कणों की संख्या = कोणों पर कण +फलक पर कण 
                                           =  (1/8)*8  + (1/2)*6 
                                           = 1+ 3 
                                           = 4 

अन्त्य केन्द्रित एकक कोष्ठिका में अवयवी कणों की संख्या :-  इस प्रकार की कोष्ठिका में अवयवी कण कोणों के साथ साथकिन्ही दो सम्मुख  फलक के केंद्र पर भी होते है 
इसलिए कुल कणों की संख्या = कोणों पर कण +फलक पर कण 
                                           =  (1/8)*8  + (1/2)*2 
                                           = 1+ 1
                                           = 2 

Some important questions

प्रश्न 10.‘जालक बिन्द’ से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:-प्रत्येक जालक बिन्दु ठोस के एक अवयवी कण को प्रदर्शित करता है। अवयवी कण परमाणु, अणु या आयन हो सकते हैं। किसी विशेष क्रिस्टलीय ठोस की आकृति के लिए जालक बिन्दु उत्तरदायी होते हैं।

प्रश्न 11.एकक कोष्ठिका को अभिलक्षणित करने वाले पैरामीटरों के नाम बताइए।
उत्तर:-

  1. एकक कोष्ठिका की कोर की विमाएँ (a, b,c) – परस्पर लम्बवत् हो सकती हैं अथवा नहीं।
  2. कोरों के मध्य के कोण (a,B तथा γ)

प्रश्न 12.निम्नलिखित में विभेद कीजिए –1:-षट्कोणीय और एकनताक्ष एकक कोष्ठिका 2:- फलक केन्द्रित तथा अंत्य-केन्द्रित एकक कोष्ठिका।

उत्तर

  1. षट्कोणीय एकक कोष्ठिका में,
    a = b ≠ c; α = β = 90° तथा γ = 120°
    एकनताक्ष एकक कोष्ठिका में
    a ≠ b ≠ c तथा α = γ = 90° तथा β = 90°
  2. fcc में अवयवी कण सभी 8 कोनों एवं सभी 6 फलकों के केन्द्रों पर व्यवस्थित होते हैं। अंत्य- केन्द्रित एकक कोष्ठिका में अवयवी कण सभी 8 कोनों तथा दो विपरीत फलकों के केन्द्रों पर स्थित होते हैं।

प्रश्न 13.स्पष्ट कीजिए कि एक घनीय एकक कोष्ठिका के

  1. कोने और
  2. अन्तःकेन्द्र पर उपस्थित परमाणु का कितना भाग सन्निकट कोष्ठिका से सहभाजित होता है?

उत्तर:-

  1. कोने पर उपस्थित परमाणु 8 एकक कोष्ठिकाओं से सहभाजित होता है। अतः एक एकक कोष्ठिका के लिए इसका योगदान 1/8 होता है।

अन्त:केन्द्र पर उपस्थित परमाणु किसी भी अन्य एकक कोष्ठिका द्वारा सहभाजित नहीं होता है।

the end

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