Excellent Shiksha class - 12th,ठोस अवस्था Class 12th Chemistry Chapter-01 (ठोस अवस्था) part -03

Class 12th Chemistry Chapter-01 (ठोस अवस्था) part -03


Class 12th Chemistry Chapter-01 (ठोस अवस्था) part -03

Class 12th Chemistry Chapter-01 ठोस अवस्था part – 03 ठोस अवस्था का ही एक अहम् भाग है | अगर आप इस इकाई अथवा पाठ को अच्छे से अध्ययन करना चाहते है तो हम आपसे यही अनुरोध करते है कि आप इस बहुत बड़ी इकाई को छोटे छोटे part में पढ़े | यही वजह है कि हम आपको यहाँ पर part वाइज नोट्स Provide कर रहे है | इस part में जो भी महत्वपूर्ण हैडिंग है उन्हें जरूर याद करे | क्यूंकि ये ही आपको अच्छे मार्क्स प्राप्त करने में मदद करेंगी |

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What We Learn In This Part

इस भाग में हम बोर्ड में पूछे गये कम से कम 3 से 5 मार्क्स का अध्ययन करेंगे | अत: आप इन्हें ध्यान से पढ़े | अगर आप कुछ समस्या महसूस करते है तो आप हमे सम्पर्क कर सकते हो और आप Ask Question पर क्लिक करके प्रश्न भी पूछ सतके हो | हम आपसे ये गुजारिश करते है कि आप इन महत्वपूर्ण हैडिंग को अवस्य याद करेंगे  | क्यूंकि ये वो सभी हैडिंग है जो पिछले बहुत सालो के पेपर में रिपीट हुई है | अगर आप इन्हें याद करके एग्जाम में बैठते है तो आप 90 % से अधिक अंक हासिल कर सकते है |

Class 12th Chemistry Chapter-01 ठोस अवस्था part – 03 में महत्वपूर्ण  Headings निम्नलिखित है | इन्हें अच्छे से याद करे | ये आपको अच्छे अंक दिलाने में मदद करेगी: 

  1. धातु क्रिष्टल में निविड़ संकुलन और एक विमा में संकुलन
  2. द्विविम में वर्ग और षटकोणीय निविड संकुलन
  3. उपसह्सयोजन संख्या और द्विविम वर्ग निविड संकुलित परतों से त्रिविम निविड संकुलन
  4. चतुष्फलकीय रिक्ति और अष्टफलकीय रिक्तियाँ
  5. रिक्तियों की संख्यां और चतुष्फलकीय रिक्ति और अष्टफलकीय रिक्तियाँ में सम्बन्ध
  6. संकुलन क्षमता और d व r में सम्बन्ध
  7. सरल घनीय जालक में संकुलन क्षमता और यौगिक का सूत्र
Class 12th Chemistry Chapter-01 (ठोस अवस्था) part -03

धातु क्रिष्टल में निविड़ संकुलन और एक विमा में संकुलन

धातु क्रिष्टल में निविड़ संकुलन :- जब अवयवी कण इस प्रकार संकुलित होते है की इनका आयतन निम्नतम रहे ताकि घनत्व सर्वाधिक प्राप्त हो सके तो संकुलन निविड़ संकुलन कहलाता है ये सामान्यत: निम्न प्रकार का होता  है-

एक विमा में संकुलन :-एक विमा में ठोसों के अवयवी कणों की निविड संकुलन की केवल एक विधि हो सकती है।

इसमें ठोसों के अवयवी कणों को एक पंक्ति में एक दूसरे से स्पर्श करते हुए व्यवस्थित किया जाता है। इस व्यवस्था में, ठोस के अवयवी कण, जो गोले की आकृति में होते हैं, का प्रत्येक गोला दो निकटवर्ती गोलों के संपर्क में रहता है।

close packing in one dimension  

द्विविम में वर्ग और षटकोणीय निविड संकुलन

द्विविमा में निविड संकुलन (CLOSE PACKING IN TWO DIMENSIONS)

Two dimension (द्विविमा) में ठोसों के अवयवी कणों की Close packing (निविड संकुलित) संरचना गोलों की पंक्तियों को एक साथ एक के ऊपर एक रखकर निम्नांकित दो तरीकों से की जा सकती है।

(क) SQUARE CLOSE PACKING IN TWO DIMENSION (द्विविम में वर्ग निविड़ संकुलन)

गोलों की एक पंक्ति के ऊपर दूसरी पंक्ति के संपर्क को इस प्रकार रखा जा सकता है कि द्वितीय पंक्ति के गोले प्रथम पंक्ति के गोलों के ठीक ऊपर हों एवं दोनों पंक्तियों के गोले horizontal (क्षैतिजीय) तथा vertical (उर्ध्वाकार) रूप से रखे गये (संरेखित) हों।

square close packing in two dimension
द्विविम में वर्ग निविड संकुलन

(ख) TWO DIMENSIONAL HEXAGONAL CLOSE PACKING (द्विविम षटकोणीय निविड संकुलन)

ठोसो की दूसरे पंक्ति को प्रथम पंक्ति के ऊपर इस प्रकार रखा जा सकता है उसके गोले प्रथम पंक्ति के गोलों के ठीक (पूरी तरह) Depressions (अवनमनों) में आ जाएं।
hexagonal close packing in two dimension
द्विविम में षटकोणीय निविड संकुलन

उपसह्सयोजन संख्या और द्विविम वर्ग निविड संकुलित परतों से त्रिविम निविड संकुलन

उपसह्सयोजन संख्या :- एक कण के निकटतम गोलों की संख्या उपसह्सयोजन संख्याकहलाती है जैसे एक विमा में  2 द्विविमा में वर्गाकार में 4 षटकोणीय में 6 होती है |

(क) द्विविम वर्ग निविड संकुलित परतों से त्रिविम निविड संकुलन:- घनीय निविड संकुलित परतों की पहली लाईन के ठीक ऊपर दूसरी परत रखकर तथा ठीक इन परतों के क्षैतिज दूसरी परतों को रखकर त्रिविमा में निविड संकुलन प्राप्त किया जा सकता है।

द्विविम वर्ग  निविड संकुलित परतों से त्रिविम निविड संकुलन
 
(ख) द्विविम षटकोणीय निविड संकुलित परतों से त्रिविम निविड संकुलनThree dimensional close packing from two dimensional square close packed layers
द्विविम षटकोणीय निविड संकुलित परतों से त्रिविम निविड संकुलन दो तरह से प्राप्त किया जा सकता है: 

चतुष्फलकीय रिक्ति और अष्टफलकीय रिक्तियाँ

(i) द्वितीय परत को प्रथम परत के ऊपर रखकर
प्रथम परत को द्वितीय परत पर इस प्रकार रखा जाता है कि द्वितीय परत के गोले प्रथम परतों के अवनमनों में आ जाएं। अर्थात ABAB व्यवस्था का त्रिविम प्राप्त किया जाता है।
इसमें दो प्रकार की व्यवस्था उत्पन्न होती है।
voids in three dimensional close packingपहली जब भी द्वितीय परत का एक गोला प्रथम परत की रिक्ति के ऊपर अथवा नीचे होता है तो एक चतुष्फलकीय रिक्ति उत्पन्न होती है। इस प्रकार बने रिक्तियों को चतुष्फलकीय रिक्तियाँ (Tetrahedral voids) कहते हैं।
चतुष्फलकीय तथा अष्टफलकीय रिक्तियाँ
चित्र में चतुष्फलक रिक्तियों को से तथा अष्टफलक रिक्तियों को से दर्शाया गयाhexagonal voids है।hexagonal voids1
hexagonal voids3

रिक्तियों की संख्यां और चतुष्फलकीय रिक्ति और अष्टफलकीय रिक्तियाँ में सम्बन्ध

 
दूसरा दूसरे परत की त्रिकोणीय रिक्तियाँप्रथम परत की त्रिकोणीय रिक्तियों के ऊपर होती हैंजिससे दो दो त्रिकोणीय रिक्तियाँ एक ऊपर की ओर शीर्ष वाला तथा दूसरी नीचे की ओर शीर्ष वाला बनता है।
इस प्रकार की रिक्तियों को अष्टफलकीय रिक्तियाँ (Octahedral) कहते है | voids) कहते हैं।octahedral voidsoctahedral voids1octahedral voids3

रिक्तियों की संख्यां (NUMBER OF VOIDS)

चतुष्फलक (tetrahedral) तथा अष्टफलक (octahedral) रिक्तियों की संख्यां क्लोज पैक्ड (निविड संकुलित) गोलों की संख्या पर निर्भर करती है।
 
नोट :- मान लिया कि निविड संकुलित गोलों की संख्यां = N
तोइस व्यवस्था में प्राप्त चतुष्फलक रिक्तियों की संख्या = 2N
तथा अष्टफलक रिक्तियों की संख्या = N

संकुलन क्षमता और d व r में सम्बन्ध

निकटतम परमानुओ की दुरी d त्रिज्या r तथा एकक सेल की भुजा a में सम्बन्ध :-
1:- सरल घनीय सरंचना में :- 
                       r = a /2 = d / 2 
2:- फलक केन्द्रित सेल में :- 
                      r = d /2 = a / 2 *21/2
3:- अंत: केन्द्रित सेल में :- 
                      r = d /2 = (3 1/2 * a) /4 
 
संकुलन क्षमता:- ठोसों के अवयवी कणों (atoms, molecules or ions) के किसी भी प्रकार संकुलित होने की स्थिति में भी कुछ स्थान रिक्त रह जाता है।
कुल उपलब्ध स्थान का वह प्रतिशत जो कणों द्वारा संपूरित होता हैसंकुलन क्षमता (Packing Efficiency) कहलाता है।
 

सरल घनीय जालक में संकुलन क्षमता और यौगिक का सूत्र

सरल घनीय जालक में संकुलन क्षमता :- सरल घनीय एकक कोष्ठिका में केवल परमाणु होता है। 

अत: संकुलन क्षमता 
 
solid state-packing efficiency of simple cubic lattice fomulaClass 12th Chemistry Chapter-01 (ठोस अवस्था) part -03
इसी प्रकार अंत: केन्द्रित में 6 8 % होती है और फलक केन्द्रित में 7 4 % होती है 1 
 

 

  क्रिष्टल के घनत्व की गणना के लिए सूत्र :-

Class 12th Chemistry Chapter-01 (ठोस अवस्था) part -03

Some important questions

उदाहरण: (1) एक यौगिक दो तत्वों XX और YY से निर्मित है। YY तत्व के परमाणुओं (ऋणायन) ccp बनता है और XX तत्व के परमाणु (धनायन) सभी अष्टफलकीय रिक्तियों में भरे होते हैं। इस स्थिति में यौगिक का सूत्र XYXY होता है।
ब्याख्या:
ccp Lattice (जालक)तत्व YY अर्थात ऋणायन से बनता है अत: अष्टफलकीय रिक्तियों की संख्या उसमे उपस्थित YY परमाणुओं की संख्या के बराबर होगी। चूँकि सभी अष्टफलकीय रिक्तियाँ तत्व XX अर्थात धनायन से अध्यासित हैंअत: XX तथा YY परमाणुओं की संख्या बराबर होगी।
अर्थात XX तथा YY परमाणुओं का अनुपात 1:1 होगा। 
अत: इस यौगिक का सूत्र XYXY है।

उदाहरण: 2. तत्व B के परमाणुओं से hcp जालक बनता है और तत्व A के परमाणु 2/3 चतुष्फलकीय रिक्तियों को भरते हैं। इस स्थिति में इस यौगिक का सूत्र A4B3A4B3 होगा।

ब्याख्या:

hcp जालक में बनने वाली रिक्तियों की संख्या तत्व B के परमाणुओं की संख्या के दोगुने के बराबर होगी।

यहाँ केवल 2/3 रिक्तियाँ ही तत्व A के परमाणुओं से अध्यासित है,

अत: A और B परमाणुओं की संख्यां का अनुपात =2×(2/3):1=4:3=2×(2/3):1=4:3 होगा।

अर्थात यौगिक का सूत्र A4B3A4B3 होगा।

प्रश्न 14.एक अणु की वर्ग निविड संकुलित परत में द्विविमीय उप-सहसंयोजन संख्या क्या होगी?
उत्तर:-द्विविमीय निविड संकुलित परत में परमाणु 4 सन्निकट परमाणुओं को स्पर्श करता है अत: इसकी उप-सहसंयोजन संख्या 4 होगी।

प्रश्न 15.एक यौगिक षट्कोणीय निविड़ संकुलित संरचना बनाता है। इसके 0.5 मोल में रिक्तियों की संख्या कितनी होगी? उनमें से कितनी रिक्तियाँ चतुष्फलकीय हैं?
हल:-यौगिक के 0.5 मोल में परमाणुओं की संख्या = 0.5 x 6.022 x 1023
= 3.011 x 1023
अष्टफलकीय रिक्तियों की संख्या = संकुलन में परमाणुओं की संख्या
= 3.011 x 1023
चतुष्फलकीय रिक्तियों की संख्या = 2 x संकुलन में परमाणुओं की संख्या
= 2 x 3.011 x 1023 = 6.022 x 1023
∴ रिक्तियों की कुल संख्या = (3.011 + 6.022) x 1023
= 9.033 x 1023

प्रश्न 16.एक यौगिक दो तत्त्वों M तथा N से बना है। तत्त्व N, ccp संरचना बनाता है और M के परमाणु चतुष्फलकीय रिक्तियों के 1/3 भाग को अध्यासित करते हैं। यौगिक का सूत्र क्या है।
हल:-माना ccp में N परमाणु = n
∴ चतुष्फलकीय रिक्तियों की संख्या = 2n
चूँकि M परमाणु चतुष्फलकीय रिक्तियों का 1/3 भाग घेरते हैं।
अतः M परमाणुओं की संख्या = [latex s=2]\frac { 2n }{ 3 }[/latex]
M : N = [latex s=2]\frac { 2n }{ 3 }[/latex] : n = 2 : 3
अत: सूत्र M2N2 होगा।

प्रश्न 17.निम्नलिखित में से किस जालक में उच्चतम संकुलन क्षमता है?

  1. सरल घनीय,
  2. अन्तः केन्द्रित घन और
  3. षट्कोणीय निविड संकुलित जालक।

उत्तर:-संकुलन क्षमताएँ निम्न हैं –

  1. सरल घनीय = 52.4%,
  2. अन्तः केन्द्रित घनीय = 68%,
  3. षट्कोणीय निविड संकुलित = 74%

अतः षट्कोणीय निविड संकुलित व्यवस्था में अधिकतम संकुलन क्षमता होती है।

प्रश्न 18.एक तत्त्व का मोलर द्रव्यमान 2.7 x 10-2 kg mol-1 है। यह 405 pm लम्बाई की भुजा वाली घनीय एकक कोष्ठिका बनाता है। यदि उसका घनत्व 2.7 x 103 kg m-3 हो तो घनीय एकक कोष्ठिका की प्रकृति क्या होगी?
हल:-
Class 12th Chemistry Chapter-01 (ठोस अवस्था) part -03
चूँकि प्रति एकक कोष्ठिका में तत्त्व के चार परमाणु हैं, अत: घनीय एकक कोष्ठिका फलक-केन्द्रित (fcc) या घनीय निविड संकुलित होगी।

the end

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