Excellent Shiksha class - 12th,विद्युत धारा Class 12th Physics Chapter-05 विद्युत धारा part -03

Class 12th Physics Chapter-05 विद्युत धारा part -03


Class 12th Physics Chapter-05 विद्युत धारा part -03

Class 12th Physics Chapter-05 विद्युत धारा part -03 में हम निम्न महत्वपूर्ण हैडिंग का अध्ययन करेंगे:- 

कार्बन प्रतिरोध और वर्ण कोड व्यवस्था,
विद्युत उर्जा और विद्युत शक्ति व व्यावहारिक मात्रक,
विद्युत सेल और इनके प्रकार,
सेल का विद्युत वाहक बल और टर्मिनल विभवान्तर,
सेल का आन्तरिक प्रतिरोध और प्रभावित करने वाले कारक,
सेल के टर्मिनल विभवान्तर व विद्युत वाहक बल और आंतरिक प्रतिरोध में सम्बन्ध
,आदि | 

हम आपसे ये गुजारिश करते है कि आप इन महत्व पूर्ण हैडिंग को अवस्य याद करे | क्यूंकि ये वो सभी हैडिंग है जो पिछले बहुत सालो के पेपर में रिपीट हुई है | 

अगर आप इन्हें याद करके एग्जाम में बैठते है तो आप 90 % से अधिक अंक हासिल कर सकते है | 

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Class 12th Physics Chapter-05 विद्युत धारा part -03

कार्बन प्रतिरोध

इलेक्ट्रिक परिपथ में अधिक प्रतिरोध उत्पन्न करने के लिए तार का उपयोग उचित नही है, क्योंकि अधिक लम्बाई का तार चहिये होगा | जो की उपयोग नही किया जा सकता है |

अत: इसके लिए कार्बन प्रतिरोध  का उपयोग किया जाता है | जो कार्बन से मिलकर बना एक वर्णीय पदार्थ होता है | जिसमे रंगो के द्वारा प्रतिरोध बढ़ाया या घटाया जा सकता है |

इसका निम्नलिखित सूत्र होता है –

कार्बन प्रतिरोध का सूत्र
कार्बन प्रतिरोध वर्ण श्रेणी

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विद्युत उर्जा

किसी चालक में धारा प्रवाहित करने से उसमे ऊष्मा उत्पन्न होने लगती है | यही ऊष्मा उर्जा के रूप खर्च होती है , इसे ही विद्युत उर्जा कहते है| इसे निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात करते है –

W = V I t
जहाँ V परिपथ का विभव है I परिपथ में I धारा है और t परिपथ में धारा प्रवाहित होते रहने का समय है |
इसे निम्न अन्य सूत्रों द्वारा भी ज्ञात किया जा सकता है|-
W = V I t = I ^2 R t = V^2 t / R

विद्युत शक्ति

किसी परिपथ में प्रति सेकंड व्यय अथवा खर्च होने वली ऊष्मा अथवा उर्जा को विद्युत शक्ति कहते है | इसे p से प्रदर्शित करते है

अर्थात p = w/ t
मात्रक – जुल / सेकंड
राशी – अदिश
इसे निम्न सूत्रों द्वारा भी ज्ञात किया जा सकता है |
p = V I = I^2 R= V^2 / R

 

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विद्युत उर्जा के व्यावहारिक मात्रक

जुल उर्जा का सबसे छोटा मात्रक होता है  इसलिए घरेलू व औधोगित कार्यो के लिए प्रयुक्त नही किया जाता है | विद्युत उर्जा के मापन के लिए किलोवाट – घंटा अथवा बोर्ड ऑफ़ ट्रेड यूनिट  का प्रयोग किया जाता है | इसे सामान्य भाषा में यूनिट  कहा जाता है |
एक किलोवाट घंटा = 3.6 x 10 की घात + 6 जुल |

विद्युत सेल

एक एसी युक्ति जो रासायनिक उर्जा को विद्युत उर्जा में बदलती है विद्युत सेल  कहलाती है | इसमें दो इलेक्ट्रोड होते है | एक धनात्मक और दूसरा ऋणात्मक

 

विद्युत् सेल

विद्युत सेल के प्रकार

ये दो प्रकार के होते है –
1- प्राथमिक सेल 2- द्वितीयक सेल

 प्राथमिक सेल

ये वे सेल होते है जो एक बार प्रयोग के बाद पुन: उपयोग नही किये जा सकते है | जैसे :- डेनियल सेल वोल्टीय सेल आदि |

द्वितीयक सेल

ये वे सेल होते है जो एक बार उपयोग के बाद भी पुन: उपयोग किये जा सकते है | जैसे :- सीसा संचायक सेल कैडमियम सेल |

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सेल का विद्युत वाहक बल

एकांक आवेश को पुरे परिपथ में प्रवाहित करने में सेल द्वारा दी गयी उर्जा को सेल का विद्युत वाहक बल  कहते है | इसे V से प्रदर्शित करते है |

अर्थात V = w / q
मात्रक – जुल / कूलाम्ब
इसका अन्य मात्रक – वोल्ट होता है |

टर्मिनल विभवान्तर

एकांक आवेश को टर्मिनल से दुसरे टर्मिनल तक बाह्य परिपथ में प्रवाहित कराने में आवश्यक उर्जा को सेल का टर्मिनल विभवान्तर  कहते है | इसे भी V से प्रदर्शित करते है |

अर्थात V = w / q
मात्रक -जुल / कूलाम्ब अन्य मात्रक वोल्ट होता है

सेल का आन्तरिक प्रतिरोध

किसी सेल में उपस्थित विद्युत अपघट्य द्वारा विद्युत धारा के मार्ग में उत्पन्न अवरोध को सेल का आंतरिक प्रतिरोध  कहते है | इसे r से प्रदर्शित करते है |

इसे निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात करते है –
I = E / (R + r )
जहाँ I परिपथ की धारा तथा E विद्युत वाहक बल और r आंतरिक प्रतिरोध है |

सेल का आंतरिक प्रतिरोध

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सेल का आंतरिक प्रतिरोध निम्न कारको पर निर्भर करता है:-

1 – सेल की दोनों प्लेटो के बीच की दुरी को बढ़ाने से आंतरिक प्रतिरोध का मान बढ़ जाता है |
2- विद्युत अपघट्य की सांद्रता को बढ़ाने से सेल का आंतरिक प्रतिरोध बढ़ जाता है |
3- सेल को लम्बे समय तक उपयोग करने से सेल का आंतरिक प्रतिरोध बढ़ जाता है |

सेल के टर्मिनल विभवान्तर , विद्युत वाहक बल और आंतरिक प्रतिरोध में सम्बन्ध

माना एक सेल जिसका विद्युत वाहक बल E आयर आंतरिक प्रतिरोध r है | बाह्य परिपथ में R प्रतिरोध के उपकरण से जुड़ा है| 

सेल के टर्मिनल विभवान्तर , विद्युत वाहक बल और आंतरिक प्रतिरोध में सम्बन्ध

Note :- जब सेल को चार्ज किया जाता है तब यह समीकरण निम्न प्रकार हो जाती है –
V=E+iR

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