Class 12 Physics Chapter 1 विधुत आवेश तथा क्षेत्र Part 2 विधुत आवेश तथा क्षेत्र का ही एक अहम् भाग है | अगर आप इस इकाई अथवा पाठ को अच्छे से अध्ययन करना चाहते है तो हम आपसे यही अनुरोध करते है कि आप इस बहुत बड़ी इकाई को छोटे छोटे part में पढ़े | यही वजह है कि हम आपको यहाँ पर part वाइज नोट्स Provide कर रहे है | इस part में जो भी महत्वपूर्ण हैडिंग है उन्हें जरूर याद करे | क्यूंकि ये ही आपको अच्छे मार्क्स प्राप्त करने में मदद करेंगी |
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Class 12 Physics Chapter 1 विधुत आवेश तथा क्षेत्र Part 2
Class 12 Physics Chapter 1 विधुत आवेश तथा क्षेत्र Part 2 में हम बोर्ड में पूछे गये कम से कम 3 से 5 मार्क्स का अध्ययन करेंगे | अत: आप इन्हें ध्यान से पढ़े | अगर आप कुछ समस्या महसूस करते है तो आप हमे सम्पर्क कर सकते हो और आप Ask Question पर क्लिक करके प्रश्न भी पूछ सतके हो | हम आपसे ये गुजारिश करते है कि आप इन महत्वपूर्ण हैडिंग को अवस्य याद करेंगे | क्यूंकि ये वो सभी हैडिंग है जो पिछले बहुत सालो के पेपर में रिपीट हुई है | अगर आप इन्हें याद करके एग्जाम में बैठते है तो आप 90 % से अधिक अंक हासिल कर सकते है |
Class 12 Physics Chapter 1 विधुत आवेश तथा क्षेत्र Part 2 में महत्वपूर्ण Headings निम्नलिखित है | इन्हें अच्छे से याद करे | ये आपको अच्छे अंक दिलाने में मदद करेगी:
- कूलाम का नियम व इसकी उत्पत्ति और महत्व
- कूलाम के नियम का सदिश रूप व महत्व और सीमाएं
- आवेश का मात्रक व निर्वात और आपक्षिक वैदुतशीलता
- अनेक आवेशो के बीच वैदुत बल का अध्यारोपण का सिद्धांत
- स्थिर विद्युत बल और गुरुत्वाकर्षण बल की तुलना
हम आपसे ये गुजारिश करते है कि आप इन महत्व पूर्ण हैडिंग को अवस्य याद करे | क्यूंकि ये वो सभी हैडिंग है जो पिछले बहुत सालो के पेपर में रिपीट हुई है |
अगर आप इन्हें याद करके एग्जाम में बैठते है तो आप 90 % से अधिक अंक हासिल कर सकते है |
कूलाम का नियम व इसकी उत्पत्ति और महत्व
कूलाम का नियम :-इस नियम के अनुसार दो स्थिर बिंदु आवेशों के बीच सदैव एक वैद्युत बल कार्य करता हैं | जो उन दोनों आवेशों के परिमाणो के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती और उन दोनों आवेशों के बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होते हैं अर्थात
कुलाम के नियम का महत्व : इस नियम का उपयोग निम्न कार्यो में किया जाता है :
- इसकी सहायता से दो स्थिर बिंदु आवेशो के बीच कार्यरत बल छोटे परास की परमाणवीय दुरिओ से लेकर बड़ी दुरिओ की मापा जा सकता है |
- यह बल परमाणु में उपस्थित इलेक्ट्रान और प्रोटोन के मध्य बल की व्यख्या करता है |
- इस नियम से किसी भी परमाणु के स्थायित्व का पता लगाया जा सकता है |
कूलाम के नियम का सदिश रूप व महत्व और सीमाएं
कूलाम के नियम का सदिश रूप:- माना चित्र अनुसार दो बिंदु आवेश q1 व q2 है जो मूल बिंदु से क्रमानुसार r1 व r2 स्थिति पर है,
क्योंकिq2 के सापेक्ष सदिश r21 है तो,
r21 = r2-r1
कूलाम के नियम अनुसार q2 पर आवेश q1 के कारण बल
F21=k(q1q2/r21^2)r21^
इसी प्रकार आवेश q1 पर आवेश q2 के कारण बल
F12=k(q1q2/r12^2)r12^
इससे स्पष्ट है कि
F12 =-F12
अर्थात दोनों आवेशों पर लगने वाला बल परस्पर समान परंतु विपरीत दिशा में होता है| अर्थात कूलाम बल न्यूटन के तृतीय नियम का पूर्ण रूप से पालन करता है|
कूलाम के नियम का सदिश रूप का महत्व: कूलाम के नियम का सदिश रूप से निम्न महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है :
- दो बिंदु आवेश एक दुसरे पर बराबर बल परस्पर विपरीत दिशाओ में लगते है |
- दो बिंदु आवेशो के बीच कार्यरत विद्युत बल एक क्रेन्द्रीय बल है |
कूलाम के नियम के नियम की सीमाएं : कूलाम के नियम के नियम की सीमाएं निम्नलिखित हिया :
- यह नियम केवल बिंदु आवेशो के लिए ही सत्य है |
- यह नियम केवल तभी कार्य करता है जब तक की दुरी के व्युत्क्रम वर्ग के नियम का पालन होता हो |
आवेश का मात्रक व निर्वात और आपक्षिक वैदुतशीलता
आवेश का मात्रक: आवेश का SI मात्रक कुलाम होता है |
एक कुलाम वह आवेश है , जो निर्वात अथवा वायु में 1 मीटर की दुरी पर रखे बराबर परिमाण के सजातीय आवेश को 9×10^9 न्यूटन बल से प्र्तिकर्षित करता है |
इसे q से प्रदर्शित करते है | आवेश का CGS पद्धति में मात्रक स्थैतिक कुलाम होता है | इसे फ्रेंकलिन भी कहते कहते है |
निर्वात की विद्युतशीलता: इसे एप्सलाइन नोट (ε0) से प्रदर्शित करते है | इसे निम्न प्रकार ज्ञात करते है :
आपेक्षिक विद्युतशीलता:- किसी माध्यम की विद्युतशीलता तथा निर्वात की विद्युतशीलता का अनुपात आपेक्षिक विद्युतशीलता कहलाता है | इसे एप्सलाइन आर(εr) से प्रदर्शित करते हैं | अर्थात
εr = ε/ε0
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अनेक आवेशो के बीच वैदुत बल का अध्यारोपण का सिद्धांत
अनेक आवेशो के बीच वैदुत बल का अध्यारोपण का सिद्धांत :- किसी एक स्थिर आवेश पर निकाय के अन्य स्थिर आवेशों के कारण लगने वाला परिणामी बल , उस पर निकाय के प्रत्येक आवेश के कारण लगने वाले अलग-अलग बलों के सदिश योग के बराबर होता है इसे बल के लिए अध्यारोपण का सिद्धांत कहते हैं |
यदि एक आवेश q1 पर अनेक आवेश जैसे q2 , q3…..qn आदि बल लगा रहे हो तो इस पर कुल बल निम्न होगा :
F1=F12+F13+F14…………….F1n
स्थिर विद्युत बल और गुरुत्वाकर्षण बल की तुलना
आइये सबसे पहले इनके सूत्र को देखते है | यदि दो आवेशित वस्तुओ के बीच गुरुत्वाकर्षण बल त्तथा विद्युत बल दोनों कार्य करते है तो :
समानताएं : इनमे निम्न समानताएं पाई जाती है :
- दोनों बल दूरी के व्युत्क्रम के वर्ग के नियम का पालन करते हैं|
- दोनों बल केंद्रीय एवं संरक्षण बल होते हैं|
असमानताएं :इनमे निम्न समानताएं पाई जाती है:
- विद्युत बल आकर्षण तथा प्रतिकर्षण दोनों प्रकृति का हो सकता है लेकिन गुरुत्वाकर्षण बल सदैव आकर्षण प्रकृति का होता है|
- विद्युत बल दोनों आवेशों के बीच के माध्यम पर निर्भर करता है जबकि गुरुत्वाकर्षण बल दोनों द्रव्यमानों के बीच के माध्यम पर निर्भर नहीं करता |
- विद्युत बल गुरुत्वाकर्षण बल से बहुत अधिक शक्तिशाली होता है यह सामान्यतः 10^36 गुना अधिक हो सकता है |