Excellent Shiksha Class-10th,विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव Class 10th Science Chapter-13 विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव part – 02

Class 10th Science Chapter-13 विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव part – 02


Class 10th Science Chapter-13 विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव part – 02

Class 10th Science Chapter-13 विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव part – 02 विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव  का ही एक अहम् भाग है | अगर आप इस इकाई अथवा पाठ को अच्छे से अध्ययन करना चाहते है तो हम आपसे यही अनुरोध करते है कि आप इस बहुत बड़ी इकाई को छोटे छोटे part में पढ़े | यही वजह है कि हम आपको यहाँ पर part वाइज नोट्स Provide के रहे है | इस part में जो भी महत्वपूर्ण हैडिंग है उन्हें जरूर याद करे | क्यूंकि ये ही आपको अच्छे मार्क्स प्राप्त करने में मदद करेंगी |

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What We Learn In This Part

इस भाग में हम बोर्ड में पूछे गये कम से कम 3 से 5 मार्क्स का अध्ययन करेंगे | अत: आप इन्हें ध्यान से पढ़े | अगर आप कुछ समस्या महसूस करते है तो आप हमे सम्पर्क कर सकते हो और आप Ask Question पर क्लिक करके प्रश भी पूछ सतके हो  | हम आपसे ये गुजारिश करते है कि आप इन महत्व पूर्ण हैडिंग को अवस्य याद करेंगे  | क्यूंकि ये वो सभी हैडिंग है जो पिछले बहुत सालो के पेपर में रिपीट हुई है | अगर आप इन्हें याद करके एग्जाम में बैठते है तो आप 90 % से अधिक अंक हासिल कर सकते है |

Class 10th Science Chapter-13 विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव part – 02 में महत्वपूर्ण  Headings इन्हें अच्छे से याद करे | ये आपको अच्छे अंक दिलाने में मदद करेगी : 

  1. विद्युत धारावाही वृत्ताकार पाश के कारण चुम्बकीय क्षेत्र
  2. परिनालिका में प्रवाहित विद्युत धारा के कारण चुम्बकीय क्षेत्र
  3. चुम्बकीय क्षेत्र में किसी विद्युत धारावाही चालक पर बल
  4. फ्लेमिंग का वामहस्त ( बायां हाथ ) नियम
Class 10th Science Chapter-13 विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव part – 02

विद्युत धारावाही वृत्ताकार पाश के कारण चुम्बकीय क्षेत्र

जब किसी चालक वृत्ताकार पाश में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो पाश के प्रत्येक बिंदु पर उसके चारो ओर चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है , इस चुम्बकीय क्षेत्र को निरुपित करने वाली चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएं भी स्न्केंद्री वृत्तो के स्वरूप में होती है |

विद्युत धारावाही वृत्ताकार पाश के कारण चुम्बकीय क्षेत्र

नोट : इन स्केंद्री वृत्तो का आकार तार से दूर जाने पर लगातार बड़ा होता जाता है | अगर हम वृत्ताकार पाश के केंद्र पर पहुँचते है तो ये बड़े आकार के वृत्तिय चाप सरल रेखाओ जैसे प्रतीत होने लगते है |

परिनालिका में प्रवाहित विद्युत धारा के कारण चुम्बकीय क्षेत्र

परिनालिका : विद्युतरोधी लेपयुक्त ताँबे के टार की बेलनाकार आकृति में पास-पास लिपटे हुए अनेक फेरो वाली कुंडली परिनालिका कहलाती है |

परिनालिका में प्रवाहित विद्युत धारा के कारण चुम्बकीय क्षेत्र : जब किसी परिनालिका में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है , तो परिनालिका के भीतर और बाहर चुम्बकीय क्षेत्र उन्प्रन्न हो जाता है | इस चुम्बकीय क्षेत्र के कारण उत्पन्न होने वाली चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएं निम्न चित्र द्वारा प्रदर्शित की जा सकती है |

परिनालिका में प्रवाहित विद्युत धारा के कारण चुम्बकीय क्षेत्र

प्रयोगों द्वारा प्राप्त तथ्य : 

  1. जब परिनालिका में धारा प्रवाहित की जाती है तो यह एक चुम्बक की तरह व्यावहार करने लगती है | जिसका एक सिरा उत्तरी ध्रुव तथा दूसरा दक्षिणी ध्रुव की भांति कार्य करता है |
  2. परिनालिका के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएं समांतर होती है जिससे स्पष्ट है कि परिनालिका के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र एक समान होता है |
  3. परिनालिका के भीतर उत्पन्न प्रबल चुम्बकीय क्षेत्र का उपयोग किसी चुम्बकीय पदार्थ जैसे नर्म लोहे की छड को चुम्बक बनाने में किया जाता है |

चुम्बकीय क्षेत्र में किसी विद्युत धारावाही चालक पर बल

जब किसी विद्युत धारावाही चालक छड को चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो उस पर एक बल कार्य करता है|

प्रयोगों द्वारा इस बल के बारे में निम्न तथ्य प्राप्त किये गये है :

  1. चालक में प्रवाहित धारा की दिशा उत्क्रमित करने पर इस बल की दिशा भी उत्क्रमित हो जाती है |
  2. चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को उत्क्रमित करने पर भी इस बल की दिशा उत्क्रमित हो जाती है |
  3. धारावाही चालक पर बल की दिशा , विद्युत धारा की दिशा तथा चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा दोनों पर ही निर्भर करती है |
  4. चालक में धारा का मन बढ़ाने पर इस बल का मान बढ़ जाता है |

फ्लेमिंग का वामहस्त ( बायां हाथ ) नियम

चुम्बकीय क्षेत्र में धारावाही चालक की गति की दिशा अथवा चालक पर आरोपित बल की दिशा ज्ञात करने के लिए यह नियम उपयोग में लिया जाता है |

फ्लेमिग के वामहस्त नियम के अनुसार ” अपने बाएँ हाथ की तर्जनी , मध्यमा तथा अंगूठे को इस प्रकार फैलाइए कि ये तीनो चित्र अनुसार परस्पर लम्बवत रहें | यदि तर्जनी चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा और मध्यमा चालक में प्रवाहित धारा की दिशा की ओर संकेत करे तो अंगूठा चालक की गति की दिशा अथवा चालक पर आरोपित बल की दिशा की ओर संकेत करेगा | “

फ्लेमिंग का वामहस्त ( बायां हाथ ) नियम

Some important NCERT Questions

उत्तर :  चूँकि एक समान चुम्बकीय क्षेत्र को समान्तर रेखाओ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है , अत:

एक समान चुम्बकीय क्षेत्र
एक समान चुम्बकीय क्षेत्र

उत्तर :  छड चुम्बक के भीतर : दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव की ओर
छड चुम्बक के बाहर : उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव की ओर

उत्तर :  चुम्बकीय क्षेत्र में धारावाही चालक की गति की दिशा अथवा चालक पर आरोपित बल की दिशा ज्ञात करने के लिए यह नियम उपयोग में लिया जाता है |

फ्लेमिग के वामहस्त नियम के अनुसार "अपने बाएँ हाथ की तर्जनी , मध्यमा तथा अंगूठे को इस प्रकार फैलाइए कि ये तीनो चित्र अनुसार परस्पर लम्बवत रहें | यदि तर्जनी चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा और मध्यमा चालक में प्रवाहित धारा की दिशा की ओर संकेत करे तो अंगूठा चालक की गति की दिशा अथवा चालक पर आरोपित बल की दिशा की ओर संकेत करेगा | "

फ्लेमिंग का वामहस्त ( बायां हाथ ) नियम
फ्लेमिंग का वामहस्त ( बायां हाथ ) नियम

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