Class 12 Chemistry Chapter 4 d और f ब्लॉक के तत्त्व Part 2 d और f ब्लॉक के तत्त्व का ही एक अहम् भाग है | अगर आप इस इकाई अथवा पाठ को अच्छे से अध्ययन करना चाहते है तो हम आपसे यही अनुरोध करते है कि आप इस बहुत बड़ी इकाई को छोटे छोटे part में पढ़े | यही वजह है कि हम आपको यहाँ पर part वाइज नोट्स Provide कर रहे है | इस part में जो भी महत्वपूर्ण हैडिंग है उन्हें जरूर याद करे | क्यूंकि ये ही आपको अच्छे मार्क्स प्राप्त करने में मदद करेंगी |
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Class 12 Chemistry Chapter 4 d और f ब्लॉक के तत्त्व Part 2
इस भाग में हम बोर्ड में पूछे गये कम से कम 3 से 5 मार्क्स का अध्ययन करेंगे | अत: आप इन्हें ध्यान से पढ़े | अगर आप कुछ समस्या महसूस करते है तो आप हमे सम्पर्क कर सकते हो और आप Ask Question पर क्लिक करके प्रश्न भी पूछ सतके हो | हम आपसे ये गुजारिश करते है कि आप इन महत्वपूर्ण हैडिंग को अवस्य याद करेंगे | क्यूंकि ये वो सभी हैडिंग है जो पिछले बहुत सालो के पेपर में रिपीट हुई है | अगर आप इन्हें याद करके एग्जाम में बैठते है तो आप 90 % से अधिक अंक हासिल कर सकते है |
Class 12 Chemistry Chapter 4 d और f ब्लॉक के तत्त्व Part 2 में महत्वपूर्ण Headings निम्नलिखित है | इन्हें अच्छे से याद करे | ये आपको अच्छे अंक दिलाने में मदद करेगी:
- संक्रमण तत्व के गलनांक व क्वथनांक
- संक्रमण तत्व की कणन एन्थेल्पी
- संक्रमण तत्व की परमाणु त्रिज्याएँ और आयनन एन्थेल्पी
- संक्रमण तत्व की ऑक्सीकरण अवस्था और धात्विक गुण
- संक्रमण तत्व का परमाणु आयतन, घनत्व और मानक इलेक्ट्रोड विभव
- संक्रमण तत्व के चुम्बकीय गुण और अनुचुम्ब्कीय व प्रतिचुम्बकीय पदार्थ
- चुम्बकीय आघूर्ण और इसका मात्रक
संक्रमण तत्व के गलनांक व क्वथनांक
संक्रमण तत्व के गलनांक व क्वथनांक :- इनका गलनांक पहले अधिकतम मान तक बढ़ता है , फिर परमाणु क्र्मांक के बढने के साथ-साथ क्रमिक रूप से घटता है | इनका गलनांक व क्वथनांक सामानयत: s ब्लाक के तत्व की अपेक्षा में अधिक होता है इसका कारण यह है की इनके परमाणु परस्पर प्रबल बलों के द्वारा जुड़े रहते है|
Zn , Cd और Hg में अयुग्मित इलेक्ट्रान अनुपस्थित होते है | यही कारण है कि ये धातुएं नरम होती है , और इनके गलनांक एवं क्वथनांक कम होते है | कमरे के ताप पर Hg द्रव अवस्था में स्थित होता है |
संक्रमण तत्व की कणन एन्थेल्पी
संक्रमण तत्व की कणन एन्थेल्पी : संक्रमण तत्वों की कणन एन्थेल्पी के मान उच्च होते है | प्रथम संक्रमण श्रेणी के तत्वों की तुलना में द्वितीय तथा तृतीय की कणन एन्थेल्पी के मान उच्च होते है |
इसका मुख्य कारण यह कि, संक्रमण तत्वों के परमाणुओ में बड़ी संख्या में अयुग्मित इलेक्ट्रान होते है , इसलिए इनमे प्रबल अंतरपरमाण्विक अन्योन्य क्रिया होती है , अत: परमाणुओ के मध्य प्रबल आबंध के फलस्वरूप कणन एन्थेल्पी उच्च होती है |
Question: संक्रमण तत्वों की कणन एन्थेल्पी उच्च होती है, क्यों ? (NCERT)
उत्तर : इन तत्वों में परमाणुओ के मध्य अंतरा परमाण्विक अन्योन्यक्रिया बंध बहुत प्रबल होते है | परमाणुओ के मध्य धात्विक तथा सहसंयोजक आबंध विधमान होते है | इसका कारण इन तत्वों के परमाणुओ में बड़ी संख्या में अयुग्मित इलेक्ट्रान की उपस्थिति है | यही कारण है की संक्रमण तत्वों की कणन एन्थेल्पी उच्च होती है |
संक्रमण तत्व की परमाणु त्रिज्याएँ और आयनन एन्थेल्पी
संक्रमण तत्व की परमाणु त्रिज्याएँ :- संक्रमण तत्वों की परमाणु त्रिज्याए s ब्लाक से कम तथा p ब्लाक की तुलना में अधिक होती है| जबकि आवर्त में बाये और से दाये की और जाने पर परमाणु क्रमांक बढने के कारण नाभिकीय आवेश में वर्धि होती है जो परमाणु त्रिज्या को घटाने का प्रयत्न करती है , लेकिन आंतरिक कोष के (n-1)d उपकोष में प्रवेश करने वाले इलेक्ट्रान बाह्यतम कोश के ns2 के इलेक्ट्रान को परिरक्षण प्रभाव के कारण त्रिज्या को बढ़ाने का प्रयत्न करते है , इसलिए त्रिज्या में कोई विशेष प्रभाव नही पड़ता है|
संक्रमण तत्व की आयनन एन्थेल्पी :- संक्रमण तत्वों की आयनन एन्थेल्पी के मान s ब्लाक के तत्वों से अधिक तथा p ब्लाक के तत्वों से कम होता है | तृतीय संक्रमण श्रेणी तत्वों की आयनन एन्थेल्पी प्रथम एवं द्वितीय संक्रमण श्रेणी के तत्वों की आयनन एन्थेल्पीयो से अपेक्षाकृत अधिक होती है |
संक्रमण तत्व की ऑक्सीकरण अवस्था और धात्विक गुण
संक्रमण तत्व की ऑक्सीकरण अवस्था और परिवर्तनीय संयोजकता:- जिंक व कैडमियम को छोड़कर ये सभी परिवर्तनशील संयोजकता व ऑक्सीकरण संख्या प्रदर्शित करते है |
जैसे :- Mn -> +2 , + 3, +4 ……..+ 7 तक की ऑक्सीकरण संख्या और संयोजकता प्रदर्शित करता है | किसी संक्रमण तत्व द्वारा प्रदर्शित अधिकतम ऑक्सीकरण अवस्था +8 (Ru) होती है |
संक्रमण तत्व का धात्विक गुण :- ये सभी तत्व धातु होते है| इसलिए ये कठोर , उच्च तनन सामर्थ्य , तन्यता आघात व्रध्न्यता और विद्युत व ऊष्मा के सुचालक होते है |
इस chapter के सभी भाग
संक्रमण तत्व का परमाणु आयतन, घनत्व और मानक इलेक्ट्रोड विभव
संक्रमण तत्व का परमाणु आयतन तथा घनत्व :-संक्रमण तत्वों का आयतन s ब्लाक व p ब्लाक के तत्व से कम होता है ,क्योंकि इन तत्वों का परमाणु क्रमांक बढने पर नाभिकीय आवेश बढ़ता है तथा साथ साथ आंतरिक d उपकोष में इलेक्ट्रान भरते है जिसके कारण प्रभावी नाभिकीय आवेश बढ़ता है जो बाह्यतम कोश के इलेक्ट्रान को अपनी और आकर्षित करता है|
संक्रमण तत्व का मानक इलेक्ट्रोड विभव :- मानक इलेक्ट्रोड विभव का मान जितना अधिक ऋणात्मक होगा , उसकी ऑक्सीकरण अवस्था उतनी ही अधिक स्थायी होती है| संक्रमन तत्वों के मानक इलेक्ट्रोड विभव किसी नियमित क्रम को प्रदर्शित नहीं करते है |
Question: Cr2+ अपचायक है जबकि Mn3+ ओक्सिकारक है , जबकि दोनों d^n विन्यास है, क्यों ?
उत्तर : Cr2+ एक अपचायक है, क्यूंकि इसका विन्यास d^4 d^3 में परिवर्तित होता है | जिसमे अर्ध-पूरित t2g स्तर होता है | दूसरी ओर Mn3+ से Mn2+ में परिवर्तन में अर्ध – पूरित (d^5) विन्यास प्राप्त होता है जो इसे अतिरिक्त स्थायित्व प्रदान करता है |
संक्रमण तत्व के चुम्बकीय गुण और अनुचुम्ब्कीय व प्रतिचुम्बकीय पदार्थ
संक्रमण तत्व के चुम्बकीय गुण : चुम्बकीय व्यवहार के आधार पर पदार्थो को निम्नलिखित दो वर्गो में विभाजित किया जा सकता है :
अ) अनुचुम्ब्कीय पदार्थ ब ) प्रतिचुम्बकीय पदार्थ
अ) अनुचुम्ब्कीय पदार्थ : वे पदार्थ जो बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र में आकर्षित हो जाते है , अनुचुम्ब्कीय पदार्थ कहलाते है | इनका यह व्यवहार अनुचुम्ब्कत्व कहलाता है | कोई पदार्थ अनुचुम्ब्कीय गुण तभी प्रदर्शित कर सकता है जब उसके पास एक या एक से अधिक अयुग्मित इलेक्ट्रान होते है |
नोट : लोहचुम्बकत्व अनुचुम्बकत्व का ही एक विशेष रूप है जिसमे पदार्थ में स्थायी रूप से चुम्बकीय आधुर्ण पाया जाता है |
ब ) प्रतिचुम्बकीय पदार्थ : वे पदार्थ जो बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र में प्रतिकर्षित हो जाते है , प्रति चुम्बकीय पदार्थ कहलाते है तथा इनका यह गुण प्रति चुम्बकत्व कहलाता है | कोई पदार्थ , सभी इलेक्ट्रान युग्मित होने की दशा में ही प्रति चुबकत्व का व्यवहार प्रदर्शित करता है |
नोट : संक्रमण श्रेणी में बाये से दायें जाने पर जैसे-जैसे अयुग्मित इलेक्ट्रानो की संख्या एक से पांच तक बढती है , संक्रमण धातु आयन में अनुचुम्ब्कीय लक्षण बढ़ता है |
चुम्बकीय आघूर्ण : पदार्थ का अनुचुम्बकीय प्रभाव , चुम्बकीय आघूर्ण के रूप मे व्यक्त किया जाता है | चुम्बकीय आघूर्ण का मात्रक बोर मैगनेटन होता है | इसे निम्न प्रकार दर्शाया जाता है :
1BM = eh/4πmc
एक इलेक्ट्रान का चुम्बकीय आघूर्ण (μs + L) इलेक्ट्रान के चक्रण तथा उसके कक्षक की गति दोनों के कारण होता है और इसे निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात करते है :
μs + L = √ (4S(S+1)+L(L+1))
अयुग्मित इलेक्ट्रान n होने पर निम्न सूत्र का उपयोग किया जाता है :
μs = √ (n(n+2))
Question : जलीय विलयन में द्वि -संयोजी आयन के चुम्बकीय आघूर्ण की गणना कीजिये , यदि इसका परमाणु क्रमांक 25 हो |
उत्तर : जलीय विलयन में परमाणु क्रमांक 25 वाले द्वि – संयोजी आयन में अयुग्मित इलेक्ट्रान की संख्या 5 होगी | अत: इसका चुम्बकीय आघूर्ण
μ = √ (5 (5+2)) = 5.92BM