Excellent Shiksha class - 12th,विलयन Class 12th Chemistry Chapter 1 विलयन part 1

Class 12th Chemistry Chapter 1 विलयन part 1


Class 12th Chemistry Chapter-01 (विलयन) part -01

Class 12th Chemistry Chapter 1 विलयन part 1 विलयन  का ही एक अहम् भाग है | अगर आप इस इकाई अथवा पाठ को अच्छे से अध्ययन करना चाहते है तो हम आपसे यही अनुरोध करते है कि आप इस बहुत बड़ी इकाई को छोटे छोटे part में पढ़े | यही वजह है कि हम आपको यहाँ पर part वाइज नोट्स Provide कर रहे है | इस part में जो भी महत्वपूर्ण हैडिंग है उन्हें जरूर याद करे | क्यूंकि ये ही आपको अच्छे मार्क्स प्राप्त करने में मदद करेंगी |

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Class 12th Chemistry Chapter 1 विलयन part 1

इस भाग में हम बोर्ड में पूछे गये कम से कम 3 से 5 मार्क्स का अध्ययन करेंगे | अत: आप इन्हें ध्यान से पढ़े | अगर आप कुछ समस्या महसूस करते है तो आप हमे सम्पर्क कर सकते हो और आप Ask Question पर क्लिक करके प्रश्न भी पूछ सतके हो | हम आपसे ये गुजारिश करते है कि आप इन महत्वपूर्ण हैडिंग को अवस्य याद करेंगे  | क्यूंकि ये वो सभी हैडिंग है जो पिछले बहुत सालो के पेपर में रिपीट हुई है | अगर आप इन्हें याद करके एग्जाम में बैठते है तो आप 90 % से अधिक अंक हासिल कर सकते है |

Class 12th Chemistry Chapter 1 विलयन part 1 में महत्वपूर्ण  Headings निम्नलिखित है | इन्हें अच्छे से याद करे | ये आपको अच्छे अंक दिलाने में मदद करेगी: 

  1. विलयन और इसकी विशेषताएं व विलायक और विलेय की परिभाषा
  2. ग्राम प्रति लीटर में सांद्रता और द्रव्यमान व आयतन प्रतिशतता
  3. नोर्मलता और मोलरता की परिभाषा
  4. मोललता और फोर्मलता की परिभाषा
  5. मोल प्रभाज और पार्ट्स पर मिलियन
  6. नोर्मलता और मोलरता समीकरण और विलेयता की परिभाषा
Class 12th Chemistry Chapter-01 (विलयन) part -01

विलयन और इसकी विशेषताएं व विलायक और विलेय की परिभाषा

विलयन:- दो या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण विलयन कहलाता है | इसमें सामान्य दो घटक  होते हैं , एक विलेन और दूसरा विलायक | 

विलायक वह पदार्थ होता है जिस में विलय अर्थात कम मात्रा वाला पदार्थ घोला जाता है | जैसे चीनी में पानी के विलयन में चीनी विलेय और पानी विलायक होता है | 

विलयन की विशेषताएं:- विलयन में निम्नलिखित विशेषताएं होती हैं-
1:- विलयन में केवल एक ही पर  प्रवस्था होती है | 
2:- विलयन एक समांगी मिश्रण होता है |
3:- विलयन के गुण उसके घटकों पर निर्भर करते हैं |
4:- विलयन का संगठन एक निश्चित सीमा तक परिवर्तित किया जा सकता है |

विलयन के प्रकार:- विलयन  केवल नौ प्रकार के ही संभव है: – क्योंकि तीन प्रकार के विलयन  गैसीय  विलयन होते हैं , तीन प्रकार के विलयन द्रव विलयन और तीन प्रकार के ठोस  विलयन  होते हैं |

Note:- जलीय विलयन को aqueous solution कहते हैं जबकि अजलीय विलयन को non aqueous solution कहते हैं |

ग्राम प्रति लीटर में सांद्रता और द्रव्यमान व आयतन प्रतिशतता

विलयन की सांद्रता व्यक्त करना :- विलयन की सांद्रता को निम्न प्रकार से व्यक्त किया जा सकता है : –
1:- ग्राम प्रति लीटर में सांद्रता(g/l):-  एक लीटर विलियन में उपस्थित विलय पदार्थ की ग्राम में मात्रा ग्राम प्रति लीटर में सांद्रता कहलाती है |

अर्थात
              ग्राम प्रति लीटर में सांद्रता(g/l)= विलेय का ग्राम में भार / विलयन का लीटर में आयतन

2:- द्रव्यमान प्रतिशतता:- 100 ग्राम विलियन में उपस्थित विलेय पदार्थ की ग्रामों में संख्या उसकी द्रव्यमान प्रतिशतता कहलाती है |

अर्थात

              द्रव्यमान प्रतिशतता = विलेय का द्रव्यमान / विलयन का द्रव्यमान

यदि आपको कहा जाए कि 10 प्रतिशत NaCl इसका अर्थ यह होता है कि 10 ग्राम NaCl और 90 ग्राम जल है | 

3:- आयतन प्रतिशतता :- 100 ml विलियन में उपस्थित  विलेय पदार्थ  के ml में संख्या उसकी आयतन प्रतिशतता कहलाती है |

अर्थात 
             आयतन  प्रतिशतता = विलेय का आयतन  / विलयन का आयतन

यदि आपको कहा जाए कि 10 प्रतिशत NaCl आयतन अनुसार इसका अर्थ यह होता है कि 10ml NaCl और 90 ml जल है |

नोर्मलता और मोलरता की परिभाषा

4:- नॉर्मलता :- एक लीटर विलयन में उपस्थित विलेय के ग्राम तुल्यानको की संख्या नॉर्मलता कहलाती है |

अर्थात 
              नोर्मलता = विलेय के ग्राम तुल्यानको की संख्या / विलयन का कुल आयतन

Note:-  ग्राम तुल्यांक = विलेय का भार / तुल्यंकी भार
            तुल्यंकी भार = पदार्थ का भार / पदार्थ की संयोजकता

5:-मोलरता :- एक लीटर विलयन में उपस्थित विलेय के मोलो की संख्या उस विलयन की मोलरता कहलाती है | इसे M से प्रदर्शित करते है |

अर्थात    

             मोलरता = विलेय के मोलो की संख्या  / विलयन का आयतन लीटर में

नोट :- मोल = विलेय का भार /विलेय का मोलर द्रव्यमान

मोललता और फोर्मलता की परिभाषा

6:-मोललता :-एक किलोग्राम विलायक में उपस्थित विलेय के मोलो की संख्या उस विलयन की मोललता कहलाती है |  इसे m से प्रदर्शित करते है |

अर्थात

          मोललता = विलेय के मोलो की संख्या  / विलायक  का भार किलोग्राम में

7:- फोर्मालता :- एक लीटर विलियन में उपस्थित सूत्र द्र्व्यमानो की संख्या फोर्मलता कहलातीं है |

अर्थात   
           फोर्मलता = विलेय के सूत्र द्र्व्यमानो की संख्या / विलयन का आयतन लीटर में

मोल प्रभाज और पार्ट्स पर मिलियन

8:- मोल प्रभाज :- विलयन में उपस्थित किसी एक घटक के मोलो की संख्या और विलयन में उपस्थित कुल मोलो की संख्या के अनुपात को उस घटक का मोल प्रभाज कहते है |

अर्थात 
                यदि विलयन में उपस्थित सभी घटकों की संख्या 2 हो तो इनमे से पहला घटक A , दूसरा घटक B के मोलो की संख्या क्रमश: nA व nB होने पर
   A का मोल प्रभाज (XA) = A के मोल / (A के मोल +B के मोल ) = nA / (nA + nB )

9:- पार्ट्स पर मिलियन:- 1 लीटर विलयन में उपस्थित विला के मिली ग्रामों की संख्या पार्ट्स पर मिलयन कहलाती है | इसे सामान्य रूप में ppm में सांद्रता कह देते है | 

अर्थात 

      ppm = विलय का मिलीग्राम में द्रव्यमान / विलयन का लीटर में आयतन 

नोट:- विलयन की नोर्मलता और मोलरता में सम्बन्ध :- 
                        नोर्मलता = मोलरता x n 
 जहाँ n अम्ल की क्षारता और क्षार की अम्लता है | जैसे :- HCl , NaOH  आदि के लिए n = 1 होता है |

नोर्मलता और मोलरता समीकरण और विलेयता की परिभाषा

नोर्मलता समीकरण :- माना किसी विलयन की नोर्मलता N 1 तथा आयतन V 1 है | इस विलयन को तनु करने पर आयतन V2 हो जाये तथा नोर्मलता N 2 हो जाती है | तब – 
                                  N1V1 = N2V2     
 यही समीकरण नोर्मलता समीकरण कहलाती है |

मोलरता समीकरण :- माना किसी विलयन की मोलरता  M1 तथा आयतन V1 है | इस विलयन को तनु करने पर आयतन V2 हो जाये तथा मोलरता  M2 हो जाती है | तब – 
                                   M1V1 = M2V2 
 यही समीकरण मोलरता  समीकरण कहलाती है |

विलेयता :- स्थिर ताप पर संतर्प्त विलयन बनाने के लिए 100 ग्राम विलायक में विलय पदार्थ की ग्राम में जितनी अधिकतम मात्रा घोली जा सकती है |  उसे उस पदार्थ की विलेयता कहते है | 

the end

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