Excellent Shiksha class - 12th,विद्युत धारा Class 12th Physics Chapter-05 विद्युत धारा part -01

Class 12th Physics Chapter-05 विद्युत धारा part -01


Class 12th Physics Chapter-05 विद्युत धारा part -01

Class 12th Physics Chapter-05 विद्युत धारा part -01 में हम निम्न महत्वपूर्ण हैडिंग का अध्ययन करेंगे:- 

विद्युत धारा और धारा घनत्व,
विद्युत चालन और विद्युत चालन के लिए मुक्त एल्क्ट्रों मॉडल,
विद्युत आवेश का प्रवाह और अनुगमन वेग,
माध्य मुक्त पथ और श्रन्तिकाल,
अनुगमन वेग और विद्युत धारा में संबंध के लिए व्यंजक ज्ञात करना,
गतिशीलता,आदि | 

हम आपसे ये गुजारिश करते है कि आप इन महत्व पूर्ण हैडिंग को अवस्य याद करे | क्यूंकि ये वो सभी हैडिंग है जो पिछले बहुत सालो के पेपर में रिपीट हुई है | 

अगर आप इन्हें याद करके एग्जाम में बैठते है तो आप 90 % से अधिक अंक हासिल कर सकते है | 

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Class 12th Physics Chapter-05 विद्युत धारा part -01

विद्युत धारा

किसी परिपथ में आवेश के प्रवाह कि दर विद्युत धारा  कहलाती है |

अर्थात
I = q / t
मात्रक – कूलाम्ब प्रति सेकंड अथवा एम्पेयर
राशी – अदिश राशी
क्यों – क्योंकि यह सदिश के नियमो का पालन नही करती है|
दिशा – धनावेश से ऋण आवेश की ओर अथवा इलेक्ट्रान के गति के विपरीत |

धारा घनत्व 

किसी चालक के प्रति एकांक अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल से अभिल्म्ब्वत गुजरने वाली विद्युत धारा को धारा घनत्व  कहते है | इसे j से प्रदर्शित करते है |

अर्थात
j = i / A
मात्रक – एम्पेयर प्रति वर्ग मीटर
दिशा – धारा की दिशा में
राशी- सदिश
विमा – [L-2A]

विद्युत चालन 

आवेशित कणों का एक स्थान से दुसरे स्थान की ओर गमन अथवा स्थान्तरण विद्युत चालन कहलाता है | तथा ये गतिमान आवेशित कण आवेश वाहक  कहलाते है |

धातुओ में विद्युत चालन के लिए मुक्त एल्क्ट्रों मॉडल 

सभी पदार्थो की रचना छोटे छोटे कणों से मिलकर हुई है जिन्हें हम अणु या परमाणु कहते है | प्रत्येक परमाणु में एक नाभिक होता है | जिसमे न्यूटरोंन व प्रोटोन होते है और इलेक्ट्रान नाभिक के चारो और वर्त्ताकर कक्षों में गति करते है |

ये इलेक्ट्रान नाभिकीय बल के कारण नाभिक के साथ बंधे रहते है | जो इलेक्ट्रान सामान्यत: कमरे के ताप पर विक्षोभ के कारण नाभिक से अलग हो जाते है उन्हें मुक्त इलेक्ट्रान  कहते है | ये इलेक्ट्रान चालन इलेक्ट्रान  के नाम से भी जाने जाते है |

Class 12th Physics Chapter-05 विद्युत धारा part -01

धात्विक चालक में विद्युत आवेश का प्रवाह और अनुगमन वेग

किसी चालक के सिरों को बटरी से जोड़ने पर एलेक्ट्रोनो द्वारा त्वरक विभव द्वारा प्राप्त होने वाला औसत वेग अनुगमन वेग कहलाता है | इसे Vd से प्रदर्शित करते है|

माध्य मुक्त पथ

किसी इलेक्ट्रान द्वारा दो क्रमागत टकरो के बीच चली गयी दुरी को उसका माध्य मुक्त पथ  कहते है | इसे लेमडा से प्रदर्शिट करते है |

श्रन्तिकाल

दो क्रमागत टकरो के बीच के समय अन्तराल को श्रन्तिकाल  कहते है | इसे टॉय T से प्रदर्शित करते है | इसका मान लगभग 10 की घात – 4 होता है |

अनुगमन वेग और विद्युत धारा में संबंध के लिए व्यंजक ज्ञात करना

अनुगमन वेग और विद्युत धारा में संबंध के लिए व्यंजक ज्ञात करना
अनुगमन वेग और विद्युत धारा में संबंध के लिए व्यंजक ज्ञात करना

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गतिशीलता

एकांक विद्युत क्षेत्र में किसी आवेश वाहक का अनुगमन वेग गतिशीलता कहलाता है |
अर्थात – ” अनुगमन वेग और विद्युत क्षेत्र की तीर्वता के अनुपात को गतिशीलता कहते है| इसे म्यु से प्रदर्शित करते है “

अर्थात गतिशीलता =  अनुगमन वेग/विद्युत क्षेत्र की तीर्वता
=  V d/E
मात्रक – वर्ग मीटर / second – वोल्ट

NOTE :- गतिशीलता का मान ताप मान बढ़ाने से घट जाता है क्योंकि तापमान बढ़ाने पर पदार्थ के अवयवी कणों की गति बढ़ जाती है | जिसके फलस्वरूप श्रान्तिकाल घट जाता है, जिसका सीधा प्रभाव गतिशीलता पर पड़ता है |

NOTE :- अर्धचालक की चालकता पर तापमान का उल्टा प्रभाव पड़ता है अर्थात जब तापमान बढ़ाया जाता है तो अर्धचालक की चालकता का मान बढ़ जाता है|

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