Class 12th Physics Chapter-05 विद्युत धारा part -05 में हम निम्न महत्वपूर्ण हैडिंग का अध्ययन करेंगे:-
Table of Contents
Toggleविभवमापी व इसकी रचना,
विभवमापी का सिद्धांत,
विभवमापी का उपयोग,
विभवमापी की सहायता से दो सेलो के विद्युत वाहक बलों की तुलना करना,
विभवमापी की सहायता से सेल का आंतरिक प्रतिरोध ज्ञात करना,
आदि |
हम आपसे ये गुजारिश करते है कि आप इन महत्व पूर्ण हैडिंग को अवस्य याद करे | क्यूंकि ये वो सभी हैडिंग है जो पिछले बहुत सालो के पेपर में रिपीट हुई है |
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Class 12th Physics Chapter-05 विद्युत धारा part -05
विभवमापी
यह एक एसा उपकरण है | जिसकी सहायता से दो बिन्दुओ के बीच विभवान्तर अथवा सेल का विद्युत वाहक बल ज्ञात किया जा सकता है |
विभवमापी की रचना
इसमें अधिक विशिष्ट प्रतिरोध वाले मेगनन के तार लगे होते है | और बैटरी व धारामापी का चित्र अनुसार संयोजन किया जाता है | इसमें लगे तार की लम्बाई एक मीटर होती है|
Class 12th Physics Chapter-05 विद्युत धारा part -05
विभवमापी का सिद्धांत
यह उपकरण विभव प्रवणता के आधार पर कार्य करता है|
अर्थात
यदि धारामापी में L लम्बाई पर धारा का मान शून्य पाया जाता है, तो परिपथ में विद्युत विभव
v=E = kxL होता है
विभवमापी के उपयोग
विभवमापी का उपयोग निम्न प्रकार से किया जा सकता है –
1- दो सेलो के विद्युत वाहक बलो की तुलना करने में |
2- सेल का आंतरिक प्रतिरोध ज्ञात करने में |
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विभवमापी की सहायता से दो सेलो के विद्युत वाहक बलों की तुलना करना
विभवमापी के द्वारा सेलो के विद्युत वाहक बलों की तुलना करने के लिए सेलो को चित्रानुसार विभव मापी में जोड़ा जाता है –
जब परिपथ की पहली कुंजी को ओन किया जाता है, तो पहले सेल का विद्युत विभव ज्ञात करने के लिए विभव मापी में माना L 1 दुरी पर संतुलन की स्थिति प्राप्त होती है|
तब –
E 1 = k L 1 ————–> समीकरण 1
इसी प्रकार जब कुंजी दूसरी को ओन करते है तो विभव मापी में माना L 2 पर संतुलन की स्थिति प्राप्त होती है तब –
E2 = k L2 —————–> समीकरण 2
अत: समीकरण एक व दो से E1 / E2 = kL1 / KL2 = L1 / L2
अत: हम आसानी से तुलना क्र सकते है यदि इसका मान एक से बड़ा होता है तो E1 का मान E 2 से बड़ा होता है अन्यथा E 2 बड़ा होता है
Class 12th Physics Chapter-05 विद्युत धारा part -05
विभवमापी की सहायता से सेल का आंतरिक प्रतिरोध ज्ञात करना
विभव मापी के द्वारा सेल का आंतरिक प्रतिरोध ज्ञात करने लिए सेल को चित्रानुसार विभव मापी में जोड़ा जाता है –
जब परिपथ की पहली कुंजी को ओन किया जाता है तब माना L 1 पर विभव मापी संतुलन की स्थिति में होता है तब –
E = k L1 ———–> समीकरण 1
जब परिपथ की दूसरी कुंजी को ओन किया जाता है तो माना L 2 पर विभव मापी संतुलन की स्थिति में होता है तब –
V = kL2 ————> समीकरण 2
अत: सेल का आंतरिक प्रतिरोध
में समीकरण एक व दो से मान रखकर हल करके प्रतिरोध ज्ञात किया जा सकता है
……………….THE END …………